गया. सीयूएसबी के समाजशास्त्रीय अध्ययन विभाग ने बिहार विकास सामूहिक (बीडीसी) के सहयोग से प्री प्लेसमेंट टॉक का आयोजन किया. कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में विभागाध्यक्ष प्रो एम विजय कुमार शर्मा के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को इंटर्नशिप के अवसरों, प्री-प्लेसमेंट अवसरों और जूनियर बैचों के लिए कार्यशालाओं जैसी अन्य सहयोगी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान करना था. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि बीडीसी विभिन्न सामाजिक विकास क्षेत्रों में काम करने वाले 40 संगठनों का एक संघ है. इस कार्यक्रम में बीडीसी के तीन प्रतिनिधि योगेंद्र, पूजा और आलोक शामिल हुए. योगेंद्र का संगठन हेल्पलाइन सेवाओं के माध्यम से एचआइवी और मानसिक स्वास्थ्य रोगियों के लिए काम करता है. वहीं, पूजा पिछले तीन वर्षों से राजस्थान और बिहार में संचालित शिक्षा-आधारित संगठन शमतलाया फाउंडेशन चलाती हैं व आलोक सामाजिक पहल के लिए अनुदान वितरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए नालंदा चैरिटेबल संगठन का नेतृत्व करते हैं. बीडीसी के तीन प्रतिनिधियों ने प्री-प्लेसमेंट टॉक में छात्रों से अपने व्यापक अनुभव साझा किये और अपने-अपने संगठनों के प्रभावशाली कार्यों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बिहार में चल रही अपनी परियोजनाओं, छात्रों से अपेक्षाओं और बीडीसी संगठनों के सामूहिक नेटवर्क द्वारा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किस तरह सहयोग किया जाता है, इस पर विस्तार से बताया. इस बातचीत से छात्रों को जमीनी स्तर के संगठनों के कामकाज और समाज में उनके योगदान के बारे में बहुमूल्य जानकारी मिली. सत्र में एक प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें बीडीसी सदस्यों ने काम की प्रकृति, इंटर्नशिप अपेक्षाओं और बीडीसी पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर काम करने के लाभों के बारे में छात्रों के प्रश्नों के उत्तर दिये. कार्यक्रम का आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो एम विजय कुमार शर्मा के साथ-साथ संकाय सदस्यों प्रो अनिल कुमार सिंह झा, डॉ समापिका महापात्रा, डॉ हरेश नारायण पांडेय, डॉ जितेंद्र राम, डॉ एपीए कबीर, डॉ पारिजात प्रधान, डॉ प्रिय रंजन व डॉ आदित्य मोहंती की उपस्थिति में किया गया. प्राध्यापकों ने बीडीसी सदस्यों के साथ बीडीसी की स्थापना, बिहार में इसके योगदान और उनकी भागीदारी से सामाजिक कार्य के छात्रों को किस तरह लाभ हो सकता है, आदि पहलुओं पर चर्चा की.
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