फोटो- गया बोधगया 211- डिबेटिंग प्रीमियर लीग में मौजूद कुलसचिव व अन्य
सीयूएसबी में आयोजित हुआ डिबेटिंग प्रीमियर लीगवरीय संवाददाता, गया जी
विधि छात्रों के लिए वाद-विवाद उनके ज्ञान को निखारने का एक प्रमुख साधन है और डिबेटिंग प्रीमियर लीग (डीपीएल) जैसे आयोजन उन्हें एक उपयुक्त मंच प्रदान करते हैं. यह वक्तव्य सीयूएसबी के कुलसचिव प्रो नरेंद्र कुमार राणा ने कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में आयोजित डिबेटिंग प्रीमियर लीग (डीपीएल) 6.0 की नीलामी के दौरान दिया. सीयूएसबी के विधि एवं प्रशासन विद्यालय (एसएलजी) की युवा संसद एवं वाद-विवाद समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रो राणा ने वाद-विवाद के महत्व पर प्रकाश डाला और अपने स्नातक काल के दौरान वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेने के अनुभव साझा किया. उन्होंने एक वकील के समग्र विकास में वाद-विवाद के महत्व का हवाला देते हुए वाद-विवाद कार्यक्रमों के नियमित आयोजन पर जोर दिया. उन्होंने एसएलजी के युवा संसद एवं वाद-विवाद समिति को इस आयोजन के लिए बधाई दी. सीयूएसबी के पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि इससे पहले प्रो अशोक कुमार ने लोकतांत्रिक व गणतंत्र देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साधन के रूप में बहस के महत्व की तुलना की. संकाय समन्वयक डॉ पल्लवी सिंह ने पिछले डीपीएल आयोजनों की सफल यात्रा को साझा करते हुए छात्रों को उनकी अग्रिम भागीदारी के लिए सराहा और उन्हें इस आयोजन के सफल आयोजन का श्रेय दिया. उद्घाटन समारोह का आयोजन बोली के लिए मालिकों की टीम में डीपीएल 6.0 के लिए पंजीकृत वक्ताओं को आवंटित करने के लिए किया गया था. इसमें 60 वक्ता और 20 टीम मालिक थे. प्रत्येक टीम के मालिक को उपलब्ध 1000 अंकों में से तीन वक्ता खरीदने थे. यह आयोजन डीपीएल 6.0 की शुरुआत थी और आगे युवा प्रतिभागियों को डिबेट से जुड़े विभिन्न आयामों को करीब से जानने का मौका मिलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

