बांकेबाजार. लुटुआ पंचायत अंतर्गत शंकरपुर गांव के समीप आहार (पानी संचयन स्थल) पर पूर्व में मनरेगा के तहत लगाये गये सैकड़ों वृक्षों को काटे जाने से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों का आरोप है कि लघु जल संसाधन विभाग द्वारा आहार पर मिट्टी भरने के नाम पर इन पेड़ों की कटाई की गयी है. जानकारी के अनुसार, यह पौधे लगभग 15 वर्ष पूर्व मनरेगा योजना के तहत दीघासीन और शंकरपुर स्थित आहार के किनारे लगाये गये थे, जो अब पूर्ण रूप से विकसित वृक्ष बन चुके थे. लेकिन हाल ही में जल संसाधन विभाग की ओर से आहार निर्माण कार्य के दौरान इन वृक्षों को काट दिया गया. ग्रामीणों ने इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली मिशन के उद्देश्यों के विपरीत बताया है और कहा कि एक तरफ सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगा रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी विभाग ही उन्हें काटने में लगे हैं. इस संबंध में मनरेगा प्रोग्राम ऑफिसर (पीओ) विजय सिंह ने बताया कि उन्हें पेड़ों की कटाई की सूचना मिली है. मामले की जांच के लिए एक मनरेगा कर्मी को स्थल निरीक्षण के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये और भविष्य में इस तरह की हरित विरोधी गतिविधियों पर रोक लगायी जाये.
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