गया़ अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा गांधी मैदान में छह मार्च से आयोजित 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का समापन सोमवार को पूर्णाहुति, रक्तदान व नेत्र जांच शिविर के साथ हुआ. अंतिम दिन शहर के 25 हजार से ज्यादा लोगों ने इस महायज्ञ में भाग लिया. शांतिकुंज हरिद्वार से आये टोली नायक परमानंद द्विवेदी की टीम ने पूर्णाहुति संपन्न करायी. उपजोन समन्वयक संतोष संगम ने कहा कि इस महायज्ञ में विभिन्न प्रकार के संस्कार भी कराये गये जिससे सनातन संस्कृति का मान बढ़ा. सिटी एएसपी पारसनाथ साहू सपत्नीक यज्ञ में हिस्सा लिए व महायज्ञ भी किये. उन्होंने कहा कि इस आयोजन का न केवल धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व है, बल्कि यह सामाजिक कार्यक्रम भी है जिसमें लोगों ने एक दूसरे के साथ मिलकर काम किया और समाज के लिए कुछ करने का अवसर प्राप्त किया. मीडिया प्रभारी अमित कुमार ने कहा कि अंतिम दिन के पूर्णाहुति में 70 लोगों ने रक्तदान कर मानवता का मान बढ़ाया. साथ ही अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल मस्तीचक छपरा के संयुक्त तत्वाधान में नेत्र जांच शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें साढ़े सात सौ से अधिक मरीजों की आंखों की जांच की गयी. सासाराम के उपजोन समन्वयक नीरज कुमार सिंह ने कहा कि मोतियाबिंद व नखूना के मरीजों को गायत्री शक्तिपीठ से 17 मार्च को आंख बनवाने के लिए मस्तीचक छपरा ले जाया जायेगा. गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य ट्रस्टी कमलेश प्रसाद द्वारा नगर आयुक्त, जलबोर्ड के दीपक कुमार, नगर निगम के सफाईकर्मी चिंटू कुमार, फायर ब्रिगेड की टीम के साथ जिला प्रशासन यहां के लोगों को धन्यवाद ज्ञापन किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में मगध युवा प्रकोष्ठ, कन्या जागृति मंडल, महिला मंडल, प्रज्ञा मंडल व पूरे मगध प्रमंडल से जुड़े गायत्री परिवार के परिजन समर्पित भाव से लगे रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है