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Gaya News : विष्णुपद मंदिर में उमड़ा 50 हजार श्रद्धालुओं का सैलाब

Gaya News : निर्जला एकादशी के अवसर पर विष्णुपद मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था से सराबोर रहा. सुबह ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हुआ श्रद्धालुओं का आगमन देर रात तक जारी रहा.

गया जी. निर्जला एकादशी के अवसर पर विष्णुपद मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था से सराबोर रहा. सुबह ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हुआ श्रद्धालुओं का आगमन देर रात तक जारी रहा. गया शहरी क्षेत्र, ग्रामीण इलाकों और सीमावर्ती जिलों से भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान विष्णु चरण में शीश नवाने पहुंचे. मंदिर प्रबंधन के अनुसार इस अवसर पर करीब 50 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया. श्रद्धालुओं ने मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु के चरण, माता लक्ष्मी एवं अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना, तुलसी अर्पण, जल, दूध, दही से अभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना की. व्रतियों ने पूजा के बाद घड़ा, सुराही, वस्त्र, अनाज, बर्तन आदि का दान ब्राह्मणों को किया.

रातभर भक्ति में लीन रहे लोग

भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने व्रत का पारण (उपवास तोड़ना) मंदिर परिसर में करने का निर्णय लिया. इस कारण मंदिर क्षेत्र रातभर भक्ति और भजन-कीर्तन के वातावरण में डूबा रहा. श्रद्धालु पूरी रात भगवान विष्णु की भक्ति में लीन दिखे. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. मंदिर परिसर, फल्गु नदी, देवघाट सहित आसपास के क्षेत्रों में दंडाधिकारियों और पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. पहली बार जिला प्रशासन द्वारा एम्बुलेंस व अस्थायी चिकित्सा शिविर भी लगाया गया, जिससे बीमार पड़े श्रद्धालुओं को तुरंत उपचार मिल सका.

सूखी फल्गु नदी में स्नान की विशेष व्यवस्था

फल्गु नदी में स्नान की सुविधा के लिए मोटर पंप सेट से जल व्यवस्था की गयी. श्रद्धालुओं ने वहीं स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की. ग्रामीण क्षेत्रों से आये श्रद्धालु इस व्यवस्था से विशेष रूप से लाभान्वित हुए.मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए 20 अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड, 30 सफाईकर्मी, हैलोजन लाइट और पेयजल व्यवस्था की गयी थी. जिला प्रशासन का भी पूर्ण सहयोग मिला.

निर्जला एकादशी महत्वपूर्ण व्रत

शंभू लाल विट्ठल ने बताया कि निर्जला एकादशी सभी 24 एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. महाभारत काल में भीम ने इस व्रत को रखा था, इसलिए इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं. इस दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत रखा जाता है, जो सभी तीर्थों में स्नान के समान पुण्यदायी माना जाता है.

दो महिला श्रद्धालुओं की सोने की चेन हुई चोरी, एक गिरफ्तार

मंदिर के गर्भगृह में दर्शन के दौरान दो महिला श्रद्धालुओं की सोने की चेन अज्ञात व्यक्ति द्वारा चोरी कर ली गयी. सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये, लेकिन आरोपित की पहचान नहीं हो सकी. एक संदिग्ध व्यक्ति को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया.

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