गया. सीयूएसबी के बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा के लिए डीबीटी पीजी प्रोग्राम की पहली एडहॉक इन-हाउस सलाहकार समिति (एआइएचएसी) की बैठक आयोजित की. कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में आयोजित बैठक की अध्यक्षता सीयूएसबी के स्कूल ऑफ अर्थ बायोलॉजिकल एंड एनवायरनमेंटल साइंसेज (एसइबीइएस) के डीन प्रो रिजवानुल हक ने की. बैठक में भारत सरकार की जैव प्रौद्योगिकी विभाग की डॉ विनीता एन चौधरी, जाइडस लाइफ के विजयेंद्र सिंह (उद्योग विशेषज्ञ), हैदराबाद के डॉ कृष्ण मोहन (कौशल विशेषज्ञ) और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रो अरविंद कुमार (अकादमिक विशेषज्ञ) शामिल हुए. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि बैठक की शुरुआत एसइबीइएस के डीन प्रो रिजवानुल हक के स्वागत भाषण से हुई. बायोटेक्नोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो राकेश कुमार ने समिति को विभागीय गतिविधियों के बारे में जानकारी दी. डीबीटी पीजी प्रोग्राम के समन्वयक प्रो दुर्ग विजय सिंह ने पीजी प्रोग्राम चलाने और गेट-बी स्कोर के माध्यम से छात्रों को प्रवेश देने के लिए डीबीटी अनुदान प्राप्त करने के बाद विभाग की शिक्षण और अनुसंधान गतिविधियों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की.
विदेशी संस्थानों के साथ सहयोग की संभावना तलाशने का दिया सुझाव
डीबीटी, भारत सरकार की प्रतिनिधि डॉ विनीता चौधरी ने उद्योग और कौशल विशेषज्ञों के साथ जुड़ने और तदनुसार पाठ्यक्रम जोड़ने /संरेखित करने का सुझाव दिया. बैठक में औद्योगिक विशेषज्ञ, कौशल विशेषज्ञ और शैक्षणिक विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम की सामग्री को संशोधित करने और कौशल आधारित प्रशिक्षण, जैव प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों में एआइ और मशीन लर्निंग का उपयोग, छात्रों को ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण व इंटर्नशिप के लिए उद्योगों में भेजने के अलावा विदेशी संस्थानों के साथ सहयोग की संभावना तलाशने का सुझाव दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है