13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Bihar News: बेहद प्रसिद्ध है बिहार के इस जिले का तिलकुट, अनोखी पिटाई से कई फ्लेवरों में किया जाता है तैयार

Bihar News: गया जी का तिलकुट सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि 150 साल पुरानी विरासत, स्वाद और हजारों परिवारों की आजीविका का आधार है. सर्दियों में बनने वाला यह मिष्ठान न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि मगध की सांस्कृतिक पहचान भी बन चुका है.

Bihar News: मगध की सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाने वाला गया जी का तिलकुट उद्योग आज भी अपनी पहचान और स्वाद के कारण देश-विदेश में मशहूर है. फल्गु नदी के किनारे बसे गया शहर को जहां धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, वहीं यहां के तिलकुट का स्वाद हर मौसम में लोगों की जुबां पर रहता है. करीब डेढ़ सौ वर्षों से चली आ रही इस परंपरा ने न सिर्फ लोगों के दिलों में अपने लिए खास जगह बनाई है बल्कि हजारों परिवारों के लिए आजीविका का आधार बन चुकी है. इसके बावजूद आज तक इस विशिष्ट मिष्ठान को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग नहीं मिल पाया है, जो इसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान और स्थायी विकास के लिए जरूरी है.

गयाजी में कब हुई थी तिलकुट उद्योग की शुरुआत?

स्थानीय इतिहासकारों का मानना है कि तिलकुट उद्योग की शुरुआत 19वीं सदी के मध्य में हुई थी. बिहार के फतुहा के चितसौरा गांव के बंसी साव अपने ससुराल गया आए और यहां रोजगार की तलाश में उन्होंने तिलकुट बनाने का कार्य शुरू किया. गोपी साव, रघु साव, पुनीत साव और रामदास केशरी के सहयोग से इस उद्योग की नींव रखी गई. समय के साथ यह उद्योग पूरे शहर में फैल गया. आज टिकारी रोड और रमना रोड इसका मुख्य केंद्र हैं, जहां तीन सौ से अधिक छोटी-बड़ी दुकानें तिलकुट का पारंपरिक स्वाद बनाए रखने में लगी हैं. सर्दियों के मौसम में इसकी मांग बढ़ने पर आसपास के जिलों से भी कारीगर यहां आते हैं. अनुमान है कि इस उद्योग से पांच हजार से अधिक परिवारों की आजीविका चल रही है.

कैसे तैयार होता है तिलकुट?

तिलकुट की खासियत इसकी अनूठी निर्माण कला में छिपी है. इसमें सफेद तिल व गुड़ या चीनी की चाशनी का मिश्रण किया जाता है, जिसे विशेष धातु के मूसल से पीटा जाता है. यह पिटाई ही उसे वह खास कुरकुरापन और सुगंध देती है जो मशीनों से बने तिलकुट में संभव नहीं. यही वजह है कि गया का तिलकुट स्वाद और गुणवत्ता दोनों में अलग पहचान रखता है.

सर्दियों में तिलकुट सेहत के लिए होता है फायदेमंद

सर्दियों में तिलकुट सेहत के लिए भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है. आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि तिल और गुड़ दोनों ही उष्ण प्रकृति के होते हैं, जो शरीर को भीतर से गर्म रखते हैं. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, हड्डियों को मजबूत करने, त्वचा व बालों के लिए पोषक तत्व प्रदान करने के साथ ही ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करता है. आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर यह मिष्ठान सर्दी-जुकाम से बचाव और मानसिक तनाव कम करने में भी उपयोगी है.

कई फ्लेवरों में तैयार हो रहा है तिलकुट

आज तिलकुट कई फ्लेवरों में तैयार हो रहा है- चीनी खस्ता, गुड़ खस्ता, तिल बादाम लड्डू, पीनट चिक्की, ड्राई फ्रूट तिलकुट, खोवा और केसर तिलकुट से लेकर तिल बर्फी और तिल बदाम लड्डू जैसे आधुनिक विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं. इन्हीं सब वजहों से गया का तिलकुट केवल एक मिठाई नहीं, बल्कि परंपरा, स्वाद, सेहत और रोजगार का संगम है. जो अपनी पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्ज कराने की प्रतीक्षा में है.

Also Read: ‘पवन सिंह को लखनऊ में गोली मारेंगे…’, लॉरेंस गैंग ने लिखा- हमारे बारे में पप्पू यादव और उपेंद्र कुशवाहा से पूछ लेना

Abhinandan Pandey
Abhinandan Pandey
भोपाल से शुरू हुई पत्रकारिता की यात्रा ने बंसल न्यूज (MP/CG) और दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अनुभव लेते हुए अब प्रभात खबर डिजिटल तक का मुकाम तय किया है. वर्तमान में पटना में कार्यरत हूं और बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को करीब से समझने का प्रयास कर रहा हूं. गौतम बुद्ध, चाणक्य और आर्यभट की धरती से होने का गर्व है. देश-विदेश की घटनाओं, बिहार की राजनीति, और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि रखता हूं. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स के साथ प्रयोग करना पसंद है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel