अस्पतालों में मरीजों की बढ़ते भीड़ के चलते लग रही लंबी लाइन
फोटो- गया- 01- डॉ केके सिन्हा, अधीक्षक, मगध मेडिकल अस्पतालफोटो- गया- 02- मगध मेडिकल में रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगी कतारवरीय संवाददाता, गया जी
ठंड शुरू होते ही लापरवाही के चलते लोग बीमार हो रहे हैं. हर दिन अस्पतालों के ओपीडी में इलाज कराने के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लंबी कतार लग रही है. लापरवाही में लोग कम कपड़ा पहन कर बाहर निकल जाते हैं और ठंड के शिकार हो जाते हैं. यह हालत जेपीएन व मगध मेडिकल अस्पताल दोनों जगहों पर है. इस मौसम में सर्दी-जुकाम, खांसी, अस्थमा, हार्ट प्रॉब्लम, स्किन ड्राइनेस व जोड़ों के दर्द की समस्या का इलाज कराने यहां लोग पहुंच रहे हैं. अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, रजिस्ट्रेशन काउंटर के बाद ओपीडी में डॉक्टर के चेंबर के बाहर भी लंबी कतार लगानी पड़ रही है. हालांकि, अस्पताल की ओर से सभी मरीज को देखने व दवा देने की व्यवस्था की गयी है. किसी को बिना इलाज का नहीं लौटना पड़ रहा है. रजिस्ट्रेशन काउंटर खुलने से पहले ही लोग लाइन लगा देते हैं. अस्पतालों के वरीय अधिकारी ओपीडी की व्यवस्था पर नजर बनाये रहते हैं.बढ़ जाता है सर्दी, खांसी और फ्लू का कहर
डॉक्टरों ने बताया कि ठंड का मौसम आते ही सबसे ज्यादा सर्दी, खांसी और फ्लू का कहर बढ़ता है. ये वायरल इंफेक्शन हैं, जो कम तापमान और नमी के कारण तेजी से फैलते हैं. इस मौसम में लोग अधिकतर समय घर के अंदर बिताते हैं, जिससे वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में जल्दी फैलता है. गर्म पानी पीना, गुनगुने पानी से गरारे करना और हाथों को बार-बार धोना इनसे बचाव के लिए जरूरी है. उन्होंने बताया कि सर्दी का असर केवल बाहर की ठंड तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह शरीर के ब्लड फ्लो पर भी असर डालता है. ब्लड प्रेशर बढ़ने के बाद हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है. इससे बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें, ठंडे पानी से बचें और रोजाना हल्की एक्सरसाइज करें.प्रदूषण का भी बढ़ जाता है खतरा
डॉक्टरों ने बताया कि ठंड के मौसम में हवा में धूल, धुआं और प्रदूषण के कण बढ़ जाते हैं, जो अस्थमा या सांस की बीमारियों को ट्रिगर करते हैं. ठंडी हवा से ब्रॉन्कियल ट्यूब सिकुड़ जाती हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है. ऐसे लोगों को मास्क पहनना, धूल से बचना और डॉक्टर की ओर से बतायी गयी दवा समय पर लेना जरूरी होता है. सर्दी में जोड़ों के दर्द की शिकायत कॉमन है. उन्होंने कहा कि ठंड में रक्त संचार धीमा होने से मांसपेशियों में जकड़न और सूजन बढ़ जाती है. आर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह मौसम काफी चुनौतीपूर्ण बन जाता है. उन्हें गर्म कपड़े पहनने, हल्की एक्सरसाइज और तेल मालिश से राहत मिल सकती है.व्यवस्था रखी गयी है दुरुस्त
अस्पताल में सारी व्यवस्था को दुरुस्त रखा गया है. ठंड की शुरुआत में लोग लापरवाही में बीमार हो रहे हैं. हर किसी को ठंड से लापरवाही नहीं करनी चाहिए. बीमार होने के बाद तुरंत ही अस्पताल में पहुंच कर इलाज कराएं. अस्पताल में सारा इंतजाम पहले से किया जा चुका है. डॉक्टर व दवा की कोई कमी नहीं है.डॉ केके सिन्हा, अधीक्षक, मगध मेडिकल
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