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Gaya News : वित्तीय अनियमितता व आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व वीसी पर दर्ज हुआ था केस

Gaya News : वित्तीय अनियमितता व आय से अधिक संपत्ति के मामले में मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद पर केस दर्ज किया गया था.

बोधगया. वित्तीय अनियमितता व आय से अधिक संपत्ति के मामले में मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद पर केस दर्ज किया गया था. इस संबंध में विशेष निगरानी की टीम ने शुरुआती दौर में मामले की जांच-पड़ताल शुरू की थी व कई मामले में कुलपति प्रो प्रसाद को आरोपित बनाया गया था. पूर्व कुलपति पर आरोप थे कि उन्होंने मगध विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग के लिए काम कर रही एजेंसियों को एक मुश्त लगभग 17 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था. साथ ही, परीक्षा के लिए उत्तर पुस्तिका यानी ओएमआर सीट की खरीद के साथ ही लाइब्रेरी के लिए पुस्तकों की खरीद व मगध विश्वविद्यालय में कार्यरत सिक्यूरिटी एजेंसी को नियम के विपरीत लाखों रुपये का भुगतान किये जाने का भी आरोप है.

छानबीन के दौरान प्रो प्रसाद के एमयू व आवासीय कार्यालय में हुई थी छापेमारी

भुगतान के मामले में अनियमितता को लेकर तत्कालीन कुलसचिव विजय कुमार के साथ ही मगध विवि के एफओ व एफए ने विरोध किया था व अंतत: उन्होंने इस्तीफा भी दे दिया था. इसके बाद उनकी शिकायत पर ही केस दर्ज किया गया था व जांच-पड़ताल शुरू कर दी गयी थी. छानबीन के दौरान प्रो प्रसाद के मगध यूनिवर्सिटी स्थित कार्यालय व गया स्थित आवासीय कार्यालय में छापेमारी के साथ ही गोरखपुर स्थित आवास पर भी छापेमारी की गयी थी, जहां नगदी सहित कई फाइलें भी निगरानी की टीम ने जब्त की थी. विशेष निगरानी टीम की छापेमारी के बाद जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए मगध यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलसचिव पुष्पेंद्र कुमार वर्मा, प्रॉक्टर जयनंदन प्रसाद सिंह, लाइब्रेरी इंचार्ज विनोद कुमार सिंह व कुलपति के पूर्व पीए सुबोध कुमार से पूछताछ की गयी. विशेष निगरानी के कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया और देर शाम चारों को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद पटना निगरानी की विशेष अदालत ने वर्चुअल सुनवाई कर प्रो राजेंद्र प्रसाद की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी. बाद में सुनवाई के दौरान प्रो प्रसाद ने खुद सरेंडर कर दिया था. हालांकि, प्रो राजेंद्र प्रसाद वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के कुलपति के प्रभार में भी कुछ समय तक रहे थे व वहां भी उन पर वित्तीय अनियमितता को लेकर केस दर्ज किया गया था.

मगध विश्वविद्यालय को उठाना पड़ा काफी नुकसान

उल्लेखनीय है कि प्रो राजेंद्र प्रसाद 2019 में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर नियुक्त किये गये थे व कामकाज को संभाला था. हालांकि, कुलपति पर लगे आरोप व की जाने वाली जांच के चक्कर में मगध विश्वविद्यालय को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. मुख्य रूप से छात्र-छात्राओं को. परीक्षाएं लंबित हो गयीं थी व रिजल्ट के प्रकाशन को भी रोक दिया गया था. मगध विश्वविद्यालय के सबसे खराब दौर के बीच छात्रों का धरना-प्रदर्शन व परीक्षाएं आयोजित किये जाने व रिजल्ट के प्रकाशन को लेकर छात्र संगठन सड़क पर उतर गये थे. कई सत्र पीछे हो गये. यानी कुलपति प्रो प्रसाद के कारण मगध विश्वविद्यालय के छात्रों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.

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