गया जी. किसी भी अस्पताल में बर्न के मरीज के बेहतर इलाज के लिए सबसे सुरक्षित वार्ड को चुना जाता है. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्ताल परिसर में अब तक बर्न आइसीयू की सुविधा नहीं थी. इसके कारण मरीजों का सही तरीके से उपचार नहीं हो पाता था़ इस स्थिति को बदलने के लिए मगध मेडिकल अस्पताल में काम शुरू कर दिया गया है. ट्विन वार्ड के ग्राउंड फ्लोर में 14 बेड का बर्न आइसीयू वार्ड तैयार किया जा रहा है. इसका सिविल वर्क लगभग पूरा हो गया है. यहां हर तरह से मरीज को सुरक्षित रखने के लिए इंतजाम किया जायेगा. आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल भी किया जायेगा. परिजन या फिर किसी कर्मचारी को अंदर आने से हर तरह के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. डॉक्टरों ने बताया कि बर्न मरीज को सबसे अधिक जरूरी होता है कि उसे इंफेक्शन से हर स्तर पर बचाया जाये. दवा से ठीक होने पर इंफेक्शन के चलते भी मरीज को दिक्कत होने लगती है. अब तक की यहां व्यवस्था में यहां पर मरीज ठीक होने के बजाय और अधिक इंफेक्शन से पीड़ित हो जाते हैं.
बर्न आइसीयू के लिए जरूरी
— वार्ड में एसी हो, फंगस नहीं हो–आने-जाने में सफाई रखना है. स्टेरलाइजेशन मेंटेन करना है.
— मॉस्किटोनेट का इस्तेमाल जरूरी होता है.साफ-सफाई बेहतर किस्म का हो— नर्सिंग वर्किंग स्टेशन किनारे होना चाहिए चार्ट मेंटेन रहना चाहिए
— हर वक्त डॉक्टर रहना चाहिए, वार्ड में थोड़ा भी मोस्चर नहीं होना चाहिएबर्न आइसीयू बनने के बाद मरीजों को नहीं होगी दिक्कत
अस्पताल परिसर में बर्न आइसीयू बनने के बाद मरीजों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी. अब तक किसी तरह से बर्न मरीज को सुरक्षित रखा जा रहा था. आनेवाले दिनों अत्याधुनिक व्यवस्था से लैस वार्ड यहां उपलब्ध होगा.डॉ केके सिन्हा, अधीक्षक, मगध मेडिकल अस्पताल B
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