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आदित्य सचदेव हत्याकांड : रॉकी यादव ने गया जिला अदालत में सरेंडर किया

गया : आदित्य सचेदव हत्याकांड के आरोपी रॉकी यादव ने आज गया जिला अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. चर्चित गया रोडरेज केस के आरोपित व जदयू से निलंबित विधायक मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव को पटना हाइकोर्ट से मिली जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने कल रोक लगा दी थी. Aditya Sachdeva road […]

गया : आदित्य सचेदव हत्याकांड के आरोपी रॉकी यादव ने आज गया जिला अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. चर्चित गया रोडरेज केस के आरोपित व जदयू से निलंबित विधायक मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव को पटना हाइकोर्ट से मिली जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने कल रोक लगा दी थी.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद रॉकी यादव को फिर से जेल जाना होगा. सात मई को गया के निकट एसयूवी गाड़ी आवेरटेक करने पर 12वीं कक्षा के एक छात्र आदित्य सचदेवा की कथित रूप से गोली मार कर हत्या करने के आरोपित रॉकी यादव को पटना हाइकोर्ट ने 19 अक्तूबर को जमानत दी थी. बिहार सरकार की ओर से रॉकी की जमानत रद्द कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मसला है. कोर्ट ने आरोपित से चार सप्ताह के भीतर जवाब भी मांगा है.

शुक्रवार को याचिका पर एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाले पीठ ने सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. सुनवाई के दौरान बिहार सरकार की अोर से पेश अधिवक्ता राजीव दत्त ने कहा कि आरोपित ने गंभीर अपराध किया है. वह नशे में था और छह महीने के भीतर इसे जमानत देना सही नहीं है. हत्या के आरोपित को उम्रकैद हो सकती है और हाइकोर्ट ने महत्वपूर्ण तथ्यों को नजरअंदाज कर आरोपित को जमानत दे दी. आरोपित एक प्रभावशाली परिवार से ताल्लुक रखता है और अगर जमानत दी गयी, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मसला है.

गौरतलब है कि सात मई को हुई घटना के मामले में नौ मई की देर रात को रॉकी यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार ने 24 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उसकी जमानत को रद्द करने की अपील की थी.

बिहार सरकार की याचिका में कहा गया कि रॉकी यादव ने एक लड़के को इसलिए गोली मार दी, क्योंकि उसने उसकी महंगी गाड़ी को ओवरटेक करने का प्रयास किया. हाइकोर्ट ने रॉकी को जमानत देने में इस महत्वपूर्ण तथ्य पर गौर नहीं किया कि इस मामले के सह आरोपित को इसलिए जमानत दी गयी, क्योंकि इस मामले में वह मुख्य आरोपित नहीं था, जबकि रॉकी मुख्य आरोपित है.

हाइकोर्ट के फैसले को न्यायसंगत नहीं बताते हुए याचिका में कहा गया कि रॉकी यादव को जमानत देने में हाइकोर्ट ने गैर जरूरी बातों पर गौर किया और अगर इसकी जमानत को रद्द नहीं किया गया तो लोगों का न्याय प्रक्रिया के प्रति विश्वास कम होगा. वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है. रॉकी यादव के पिता बिंदी यादव पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस ने गया की अदालत में रॉकी और एक अन्य आरोपित के खिलाफ हत्या के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया है.

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