14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राज्यपाल ने किया महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन, कहा विश्व बंधुत्व को बढ़ाएं

बोधगया. महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया (श्रीलंका बौद्ध मठ) की स्थापना के 125वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में बुधवार को सात दिवसीय समारोह का शुभारंभ किया गया. इसका उद्घाटन राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने दीप जला कर किया. इससे पहले राज्यपाल ने मठ परिसर स्थित वेन अनागारिक धर्मापाल की मूर्ति पर फूल अर्पित किया . इस मौके […]

बोधगया. महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया (श्रीलंका बौद्ध मठ) की स्थापना के 125वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में बुधवार को सात दिवसीय समारोह का शुभारंभ किया गया. इसका उद्घाटन राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने दीप जला कर किया. इससे पहले राज्यपाल ने मठ परिसर स्थित वेन अनागारिक धर्मापाल की मूर्ति पर फूल अर्पित किया .

इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि यह बहुत ही खुशी की बात है कि श्रीलंका के वेन अनागारिक धर्मपाल ने 1891 में कोलंबो में व 1892 में कोलकाता में महाबोधि सोसाइटी की स्थापना की और बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ बुद्ध से जुड़े धरोहरों व स्तूपों के संरक्षण की दिशा में काम किया. राज्यपाल ने महाबोधि सोसाइटी से जुड़े भिक्षुओं व सदस्यों को सलाह देते हुए कहा कि इसके उद्देश्यों को आगे बढ़ाना चाहिए और विश्व में करुणा व भाईचारे के संदेश को फैलाना चाहिए. महाबोधि सोसाइटी के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सोसाइटी के माध्यम से भारत व श्रीलंका के बीच बौद्ध धर्म को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है. उन्होंने सोसाइटी के जर्नल ‘संबोधि’ के नये अंक का भी विमोचन किया. इसके अलावा राज्यपाल ने सोसाइटी द्वारा विभिन्न संस्थागत स्कूलों के बच्चों के लिए शुरू की गयी छात्रवृत्ति योजना के रुपये को भी कई छात्र-छात्राओं में बांटे.

धार्मिक व सामाजिक कार्य करती है सोसाइटी, स्वागत भाषण में सोसाइटी के संयुक्त सचिव सह बोधगया सेंटर के भिक्षु प्रभारी वेन के मेदंकर थेरो ने कहा कि सोसाइटी की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत के विभिन्न सेंटरों पर समारोह का आयोजन किया जायेगा, जिसकी शुरुआत बोधगया सेंटर से की गयी है. उन्होंने कहा कि सोसाइटी द्वारा धार्मिक गतिविधियों के साथ ही स्कूल व स्वास्थ्य केंद्र चलाने के अलावा रक्तदान शिविर भी लगाये जाते है. इसके अलावा अन्य सामाजिक कार्यों में भी साेसाइटी की संलिप्तता रहती है. उन्होंने वेन अनागारिक धर्मपाल द्वारा महाबोधि सोसाइटी की स्थापना व महाबोधि मंदिर सहित सारनाथ व अन्य स्थलों पर जर्जर होते बुद्ध अवशेषों के संरक्षण में अहम् भूमिका पर प्रकाश डाला. इंटरनेशनल बुद्धिष्ट कौंसिल ऑफ बोधगया के महासचिव किरण लामा ने कहा कि अनागारिक धर्मपाल ने बुद्ध धर्म के पुनरुद्धार के लिए काफी कुछ किया है. सोसाइटी के स्प्रिचुअल हेड सह सारनाथ सेंटर के प्रभारी वेन पी शिवली थेरो ने कहा कि महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया की स्थापना में आशुतोष मुखर्जी, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, रवींद्रनाथ टैगोर, प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अनागारिक धर्मपाल की काफी मदद की थी. सोसाइटी उनके प्रति आभार प्रकट करती है.

समारोह में बीटीएमसी के सचिव एन दोरजी ने कहा कि बोधगया स्थित विभिन्न देशों के बौद्ध मठों का आधार महाबोधि मंदिर है. इस कारण सभी लोग महाबोधि मंदिर के विकास, साफ-सफाई व सुरक्षा के प्रति जिम्मेवार बनें. उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए बौद्ध धर्म के प्रसार में वेन अनागारिक धर्मपाल के कार्यों की सराहना की. मंच का संचालन डॉ कैलाश प्रसाद ने किया. अतिथियों को मेमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किनी, डीआइजी रत्न संजय, डीएम कुमार रवि, एसएसपी गरिमा मलिक, एसडीओ विकास जायसवाल समेत विभिन्न बौद्ध मठों के भिक्षु, वियतनाम व अन्य देशों के श्रद्धालुओं के अलावा गण्यमान लोग भी मौजूद थे. सोसाइटी के महाबोधि विद्यापीठ के बच्चों ने स्वागत गान गाया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें