शेरघाटी. शेरघाटी अनुमंडल अस्पताल में शनिवार को तीन वर्षीय बच्ची नायरा परवीन की मौत हो गयी. मृतका आमस प्रखंड के बैदा गांव निवासी जुबैर अहमद की पुत्री थी. परिजनों ने आरोप लगाया है कि समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण बच्ची की जान चली गयी. मृतका की चाची रूमी परवीन ने बताया कि बच्ची की मां उसे इलाज के लिए शेरघाटी शहर स्थित स्टेट बैंक के पास निजी दंत चिकित्सक डॉ पंकज कुमार के पास ले गयी थी. वहां डॉक्टर ने बच्ची का दांत निकाला, जिससे रक्तस्राव शुरू हो गया. हालांकि उस समय बच्ची बोलने की स्थिति में थी. लगभग आधे घंटे बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. डॉक्टर पंकज ने स्थिति गंभीर देख बच्ची को खुद ही अपने कंपाउंडर के साथ गोला बाजार स्थित एक निजी अस्पताल में पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे अनुमंडल अस्पताल ले जाने की सलाह दी. परिजन बच्ची को लेकर अनुमंडल अस्पताल पहुंचे, लेकिन उनका आरोप है कि आधे घंटे तक किसी डॉक्टर ने इलाज शुरू नहीं किया. आधे घंटे बाद जब डॉक्टर पहुंचे, तो उन्होंने बच्ची को मृत घोषित कर दिया. इस घटना के बाद परिजन रोते-बिलखते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगे. इस संबंध में डॉ अमित कुमार ने बताया कि वे उस समय ऑपरेशन में व्यस्त थे। मरीज के पहुंचने के करीब 10 मिनट बाद जब वे ऑपरेशन थिएटर से बाहर आये, तो बच्ची मृत अवस्था में पायी गयी. अस्पताल कर्मियों का कहना है कि बच्ची को अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा था और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी हालत गंभीर हो चुकी थी.
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