गया : मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल से चोरी हुए नवजात संदर्भ में कुछ भी पता नहीं चल सका है. घटना को लेकर शुक्रवार को परिजन उग्र हो गये. बच्चे की मां सोनी कुमारी के परिजनों ने उपाधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल के पहुंचते ही कार्यालय में बंधक बना लिया. परिजनों का कहना था कि बच्चा चोरी गये 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है.
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उपाधीक्षक को बनाया बंधक, हंगामा
गया : मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल से चोरी हुए नवजात संदर्भ में कुछ भी पता नहीं चल सका है. घटना को लेकर शुक्रवार को परिजन उग्र हो गये. बच्चे की मां सोनी कुमारी के परिजनों ने उपाधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल के पहुंचते ही कार्यालय में बंधक बना लिया. परिजनों का कहना था कि बच्चा चोरी […]
अस्पताल प्रशासन ने अब तक क्या किया? परिजनों के इस सवाल का पर उपाधीक्षक सिर्फ इतना ही जवाब दे सके कि सीसीटीवी खंगाला जा रहा है, अब तक कुछ पता नहीं चला है. अधीक्षक ही इसके आगे जवाब दे सकते हैं. परिजनों का आरोप है कि बच्चा चोरी होने के बाद अस्पताल से अधीक्षक गायब हैं.
उन्होंने अब तक कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की. इसके बाद भी कैसे उम्मीद की जाये कि मामले में निष्पक्ष जांच करेंगे. हालांकि कुछ लोगों के बीच-बचाव के बाद मामला शांत हो गया. दोपहर बाद परिजन ने अस्पताल गेट पर अधीक्षक के िखलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन िकया.
पुलिस दूसरे दिन भी खंगालती रही फुटेज : एक अन्य मामले में मगध मेडिकल अस्पताल पहुंचे सिटी एसपी मनजीत श्योराण व सिटी डीएसपी राजकुमार साह से पीड़ित पक्ष ने अपनी बात रखी. पीड़ित पक्ष ने पुलिस अधिकारी से बच्चे की तलाश में मदद की अपील की.
अधिकारियों ने परिजनों को आश्वस्त किया कि जल्द ही बच्चे को खोज लिया जायेगा. इधर, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नवजात को चोरी करनेवाली महिला की शक्ल से मिलती-जुलती एक महिला पर नजर रखी जा रही है. उसकी हर गतिविधि पर कई लोग नजर रख रहे हैं.
60-65 मरीजों के लिए तीन शिफ्टों में 20 नर्स : 80 बेड के गाइनो वार्ड में हर समय 60-65 मरीज भर्ती रहते हैं. अस्पताल के गाइनो वार्ड में तीन-चार मरीजों का हर दिन ऑपरेशन से बच्चा होता है. इसके साथ ही इससे दोगुनी संख्या में नॉर्मल डिलेवरी भी करायी जाती है. तीन शिफ्ट में महज 20 नर्स ही तैनात हैं.
एक शिफ्ट में 60-65 मरीजों की देखभाल के लिए महज छह नर्स. अस्पताल सूत्रों का कहना है नर्सों की तैनाती बहुत कम संख्या में की गयी है. इससे परेशानी मरीज व तैनात नर्स दोनों को होती है. कभी-कभी इस कारण परिजन व अस्पताल कर्मचारियों में विवाद भी हो जाता है.
गाइनो वार्ड में लोगों ने जाग कर गुजारी रात : गाइनो वार्ड से बच्चा चोरी की खबर सामने आते ही 10 अक्तूबर की रात मरीज व उनके परिजन बच्चे को सुरक्षित रखने लिए जग कर रात गुजारी. हर कोई अपने बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी बरत रहा है.
नाम कैसे मिला बच्चा चोरी के आरोपित को
परिजनों का आरोप है कि गांव में पीड़ित महिला को सभी लोग चुन्नी के नाम से जानते हैं. अस्पताल पहुंचने पर आधार कार्ड का नाम सोनी कुमारी अंकित कराया गया. गांव के कई लोग उसका असली नाम नहीं जानते.
आखिर बच्चा चोरी करने पहुंची महिला कैसे पीड़िता का असली नाम जान पायी. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के किसी कर्मचारी ने ही उस महिला को पूरी डिटेल दी. इस मामले में उपाधीक्षक पड़ताल करने गाइनो वार्ड पहुंचे. वहां कुछ भी हासिल नहीं हो सका.
जांच के नाम पर चलता रहा आरोप-प्रत्यारोप
बच्चा चोरी के मामले में जांच के नाम पर अधिकारी से लेकर निचले स्तर के कर्मचारी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. उपाधीक्षक ने अधीक्षक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके एक भी फैसले पर अधीक्षक अमल नहीं करते. आरोपितों को ही अस्पताल में ड्यूटी दी जाती है.
अस्पताल में व्यवस्था सुचारु चलाने के लिए सभी को एक साथ मिल कर चलना होगा. दूसरी ओर दाई व नर्स एक-दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगाते हैं. इसमें सामने आया कि गाइनो वार्ड में पहुंचनेवाले मरीजों से पैसे की वसूली की जाती है. इसमें सभी शामिल रहते हैं.
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