गया : जिले के कई प्रखंडों में मिनी जलापूर्ति योजना के तहत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने वाली कोलकाता की कंपनी मेसर्स इनरवैरोटेक को पीएचइडी ब्लैकलिस्टेड करने की कवायद में जुट गया है. इतना ही नहीं, कंपनी को डिबार(किसी भी सरकारी निविदा में भाग लेने की अनुमति नहीं) भी करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता विवेक कुमार ने कहा कि कंपनी के अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर केयर टेकरों का लंबित भुगतान करने का निर्देश दिया गया है.
गौरतलब है कि प्रभात खबर ने अपने 19 फरवरी के अंक में ”मिनी जलापूर्ति केंद्र पर तैनात केयर टेकरों को महीनों से नहीं मिल रहा वेतन, परेशान” शीर्षक से खबर प्रमुखता से छापी थी. इस मामले में गुरुवार को कंपनी के प्रतिनिधि पीएचइडी कार्यालय का चक्कर लगाते रहे. सूत्रों की मानें, तो केयर टेकरों के लंबित भुगतान को लेकर थोड़ा और समय की मांग की गयी, लेकिन पीएचइडी के अधिकारियों ने इसे अनसुना कर दिया. गौरतलब है कि उक्त कंपनी द्वारा जिले के कई प्रखंडों में 2015-16 में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाये गये थे. इनके रखरखाव के लिए 100 केयर टेकर तीन हजार रुपये की मासिक भुगतान पर रखे गये थे. शुरू में तो कंपनी ने भुगतान किया, पर बाद में भुगतान करने में देरी की जाती रही. मानपुर में केयर टेकरों का भुगतान 30 माह से लंबित है. इसके अलावा कई अन्य प्रखंडों में भी यही हालत है, जबकि केयर टेकरों द्वारा बार-बार पत्राचार कर वेतन की मांग की जाती रही है. इस मामले को लेकर केयर टेकर कोर्ट के शरण में जाने की तैयारी में हैं.