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गया : मल-मूत्र से मिली मुक्ति, तो प्रदूषण की चपेट में आये लोग, घुटता रहता है दम

गया : शहर को स्वस्थ, प्रदूषण मुक्त व सुंदर बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनायी जा रही हैं. लेकिन, शहर का कूड़ा-कचरा नैली डंपिंग जोन में जमा किया जा रहा है. डंपिंग जोन में जाड़ा, गर्मी व बरसात तीनों मौसम में कचरे में आग लगी रहती है. इससे निकलने वाले धुएं से आसपास के […]

गया : शहर को स्वस्थ, प्रदूषण मुक्त व सुंदर बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनायी जा रही हैं. लेकिन, शहर का कूड़ा-कचरा नैली डंपिंग जोन में जमा किया जा रहा है. डंपिंग जोन में जाड़ा, गर्मी व बरसात तीनों मौसम में कचरे में आग लगी रहती है. इससे निकलने वाले धुएं से आसपास के गांव शांति नगर, नैली व दुबहल के साथ-साथ वार्ड नंबर 46 के गोपीबिगहा मुहल्ले के लोग कई वर्षों से परेशान हैं.
लोगों ने बताया कि बरसात में धुआं का प्रकोप बारिश के कारण थोड़ा कम होता है, तो कचरा सड़ने की दुर्गंध से लोग परेशान रहते हैं. लोगों का कहना है कि 1984-1985 तक यहां शहर के कमाऊ शौचालय से मल-मूत्र निकाल कर फेंका जाता था. उस वक्त के डीएम अशोक सिंह ने घोषणा की थी कि जिले में कहीं भी अब कमाऊ शौचालय नहीं होंगे.
नगर निगम सूत्रों का कहना है कि 2007 में नगर आयुक्त सतीश तिवारी ने शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर से मुक्ति दिलाने के लिए नैली में कचरा डंप करने का निर्देश दिया. उसके बाद से आसपास के लोग फजीहत झेल रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब भी स्थानीय लोग विरोध करते हैं, तो लोगों के सामने अधिकारी तरह-तरह की योजनाओं के क्रियान्वयन की बात करते हैं. उसके बाद वर्षों गुजर जाने के बाद भी एक भी योजना शुरू तक नहीं की जाती है.
पार्क बनाने का काम रह गया अधूरा : नैली डंपिंग जोन में लाखों टन कचरे से जैविक पार्क बनाने की योजना पर नगर निगम द्वारा एक वर्ष पहले काम शुरू कराया गया था. कई दिनों तक काम चला भी लेकिन आगे नहीं बढ़ सका. पार्क का शिलान्यास उस वक्त के डीएम कुमार रवि ने की थी. नगर निगम के अधिकारियों ने उस वक्त बताया था कि कचरा में जमा होनेवाले पॉलीथिन आदि से बाउंड्री की जायेगी.
उसके बाद इसमें जैविक पार्क को विकसित किया जायेगा. इसके लिए बेंगलुरु की एक्सपर्ट टीम को भी लगाया गया था. रात-दिन कर यहां करीब एक माह तक काम चला. फिर काम बंद कर दिया गया. अब अधिकारी उक्त योजना के बारे में बात करने से भी बचते हैं.
क्या कहते हैं मेयर व नगर आयुक्त
वार्ड स्तर पर कचरा निष्पादन करने का काम जल्द शुरू किया जा रहा है. कचरा से जैविक खाद बनाने की मशीन भी मंगवायी जा रही है. ऐसे अगर कचरा में आग लगने के कारण प्रदूषण फैल रहा है, तो आग को बुझाया जायेगा. पॉलीथिन पर रोक प्रभावी होने पर यह इस तरह की समस्या को समाप्त करने में सहायक होगा.
वीरेंद्र कुमार, मेयर
शहर का कचरा नैली में जामा किया जाता है. डंपिंग जाने में आग लगने की सूचना उन्हें नहीं दी गयी है. इस तरह की बात है, तो जांच कर उसे बुझाने के लिए जरूरी कदम उठाये जायेंगे. टैंकर से पानी भेजा जायेगा. निगम का यह कभी भी ध्येय नहीं रहा है कि किसी को परेशान किया जाये. जल्द ही सब कुछ सुधर जायेगा.
डॉ ईश्वर चंद्र शर्मा, नगर आयुक्त
कई बार पानी का किया गया छिड़काव
नगर निगम प्रशासन का आदेश है कि नैली डंपिंग जाेन में आग बुझाने के लिए हर वक्त पानी का छिड़काव किया जाये. लेकिन, जल व्यवस्था देख रहे अधिकारी व कर्मचारी दोनों ही इसमें लापरवाही बरतते हैं. लोगों ने बताया कि गर्मी के दिनों में अधिक धुआं उठने पर ही नगर निगम से टैंकर भेज कर आग को बुझाया जाता है. इसके बाद अधिकारी व कर्मचारी बेखबर होकर यहां के लोगों को बीमार होने के लिए छोड़ देते हैं.
Prabhat Khabar Digital Desk
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