- नवरात्र के पहले दिन खुद नहा कर मंदिर की सफाई करें व सबसे पहले गणेश जी का नाम लें.
- मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योति जलाएं व मिट्टी के पात्र में मिट्टी डाल कर उसमें जौ के बीच डालें.
- एक तांबे का लोटा, कलश पर मौली बांधें व उस पर स्वास्तिक बनाएं.
- कलश पर कुछ बूंद गंगाजल डाल कर उसमें सुपारी, अक्षत व कुछ द्रव्य डालें.
- कलश के ऊपर आम या अशोक के पांच पत्ते लगाएं व नारियल को लाल चुनरी में लपेट कर रखें
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ब्रह्म मुहूर्त में होगा कलश स्थापन
गया : बुधवार काे कलश स्थापना के साथ नवरात्र आरंभ हाे जायेगा. शक्ति की देवी माता दुर्गा का आगमन इस बार नाव पर हाे रहा है व प्रस्थान हाथी पर. ऐसे में माता अपने सेवकाें व श्रद्धालुआें काे धन, लक्ष्मी के साथ बारिश देकर जायेंगी. यह मंगलकारी है. पंडित सुबाेध कुमार मिश्र ने बताया कि […]
गया : बुधवार काे कलश स्थापना के साथ नवरात्र आरंभ हाे जायेगा. शक्ति की देवी माता दुर्गा का आगमन इस बार नाव पर हाे रहा है व प्रस्थान हाथी पर. ऐसे में माता अपने सेवकाें व श्रद्धालुआें काे धन, लक्ष्मी के साथ बारिश देकर जायेंगी. यह मंगलकारी है. पंडित सुबाेध कुमार मिश्र ने बताया कि बुधवार काे कलश स्थापन का समय ब्रह्म मुहूर्त में या फिर अभिजीत मुहूर्त यानी दिन के 11.26 बजे से 12.24 बजे तक उत्तम माना गया है.
शारदीय नवरात्र काे लेकर नगर के सभी देवी मंदिराें काे सजाया गया है. शहर के देवी मंदिराें में खास पालन शक्तिपीठ मां मंगलागाैरी मंदिर, बगला स्थान, वागेश्वरी मंदिर, दु:खहरणी मंदिर, माता शीतला का मंदिर, माता संकटा का मंदिर, वैष्णाे मंदिर, माता कामाख्या का मंदिर, माता गयेश्वरी देवी समेत अन्य कई देवी मंदिर शामिल हैं.
इन मंदिराें में सुबह से ही देवी भक्ताें की भीड़ लगनी शुरू हाे जायेगी. इसे लेकर मंदिर प्रबंधकारिणी समिति की आेर से कई इंतजाम किये गये हैं. कई जगहाें पर पंडाल बनाकर माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी चल रही है.
ऐसे करें कलश की स्थापना
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