गया : शहर का आजाद पार्क एक बार फिर से ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना. देश के पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश प्रदेश के विभिन्न जगहों से होते हुए शुक्रवार की दोपहर आजाद पार्क पहुंचा. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, विधान पार्षद कृष्ण कुमार सिंह उर्फ कुमार बाबू, पूर्व विधायक श्यामदेव पासवान, पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह समेत कई दूसरे नेता फूलों से सजी गाड़ी में उनका अस्थि कलश लेकर पहुंचे, जहां हजारों की भीड़ ने अटल बिहारी जिंदाबाद, जब तक सूरज चांद रहेगा अटल तेरा नाम रहेगा आदि नारे लगाये. इस दौरान वहां मौजूद कई लोगों के हाथ नमन के लिए उठे दिखे. हर कोई अस्थि कलश को नमन करने को लेकर आतुर दिखा. इस दौरान कुछ देर के लिए वहां का माहौल आपाधापी जैसा बना रहा.
मंच पर श्रद्धांजलि के लिए रखा गया अस्थि कलश : आजाद पार्क में भाजपा द्वारा मंच बनवाया गया था, जहां पूर्व प्रधानमंत्री की बड़ी सी तस्वीर लगी थी. इस मंच पर ही हिंदू, बौद्ध, मुस्लिम व सिख धर्मों के धर्मगुरु मौजूद थे. मंत्रोच्चार के बीच अस्थि कलश मंच पर रखा गया. इसके बाद श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम शुरू हुआ. भाजपा के अलावा, जदयू, लोजपा भाकपा के लोगों ने मंच पर बारी-बारी से जाकर अस्थि कलश पर फूल बरसाये. हालांकि इस दौरान कई लोग सेल्फी लेने से बाज नहीं आये.
बीच-बीच में अटल बिहारी जिंदाबाद के नारे सुनायी देते रहते. इस दौरान भाजपा सांसद हरि मांझी, जदयू जिलाध्यक्ष शौकत अली, जदयू महानगर अध्यक्ष राजू वर्णवाल, श्वेता यादव, विनय गुप्ता, बीटीएमसी के सदस्य अरविंद कुमार सिंह, मुनेश्वर सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष अनिल स्वामी, भाजपा नेत्री इंदु सहाय, पूर्व जिलाध्यक्ष ललिता सिंह, क्षितिज मोहन सिंह, ज्ञानेंद्र कुमार, भाजपा मीडिया प्रभारी युगेश कुमार, मुकेश कुमार, श्रीकांत, चिरागुद्दीन रहमानी, संतोष उर्फ छोटे, वार्ड पार्षद दीपक चंद्रवंशी समेत बड़ी संख्या में विभिन्न पार्टियों के नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे.
हर कोई यात्रा में शामिल होने को दिखा आतुर : अस्थि कलश यात्रा जहां-जहां से गुजर रही थी तो वहां खड़े लोग स्वेच्छा से यात्रा में शामिल होते चले गये. कोई पैदल ही था तो कोई गाड़ी में सवार था. दुकानदार थे तो कई युवा. कई जगह तो युवाओं की बड़ी टोली यात्रा में शामिल हो गये और अटल जी जिंदाबाद, अटल जी अमर रहे नारे लगाने लगे.
जय श्री राम, वंदे मातरम् से गूंजा विष्णुपद मंदिर परिसर : अस्थि कलश के विष्णुपद मंदिर परिसर पहुंचने पर लोगों के जय श्री राम, वंदे मातरम आदि के नारों के बीच अटल जी की अस्थियों को रथ से उतारा गया. इसके बाद सभी लोग पैदल देवघाट की ओर रवाना हुुए. देवघाट पर पहले से ही हिंदू युवा शक्ति के द्वारा पंडाल लगाया गया था, जहां काफी संख्या में लोग मंत्रोच्चार कर रहे थे.
डूबते सूर्य के साथ ही मोक्षदायिनी में प्रवाहित हुई अस्थियां : केंद्रीय मंत्री समेत अन्य लोगों ने जब मोक्षदायिनी फल्गु में अस्थियों को प्रवाहित किया, तो सूर्यास्त होने में थोड़ी ही देर थी. नदी के बीचों-बीच अटल जी अमर रहें के नारों के साथ उनकी अस्थियां प्रवाहित की गयीं. इस दौरान कई लोग इस क्षण को मोबाइल में कैद करने को आतुर दिखे. फल्गु नदी में दूर-दराज से पहुंचे कई पिंडदानी भी मौजूद थे, जिन्हांने इस क्षण को अपने-अपने कैमरे में कैद किया. पिंडदानियाें ने भी हाथ जोड़कर अस्थियों को नमन किया.
किसी ने बरसाये फूल तो किसी ने झुकाया शीश
अटल जी के प्रति हर लोगों के मन में श्रद्धा का भाव था. मंच पर जब अस्थि कलश को श्रद्धांजलि दी जा रही थी तो श्रद्धा के अलग-अलग रूप दिखायी दिये. कोई अपने साथ फूलों का हार लेकर पहुंचा था तो कोई अपने साथ फूलों की डलिया. किसी ने उनके अस्थि कलश पर फूल बरसाये, तो किसी ने सिर झुका कर उन्हें नमन किया. हर कोई उस महान शख्सियत के आगे नतमस्तक दिखा. इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष धनराज शर्मा, कंचन सिन्हा, रामप्रवेश पासवान, कुमारी शोभा सिन्हा समेत कई नेता लोगों से तेजी से आगे बढ़ने की अपील करते दिखाई दिखे. कई बार तो मंच पर इतनी भीड़ उमड़ पड़ी की उन्हें संभालना ही मुश्किल हो गया. मंच पर युवा से लेकर बुजुर्ग सभी दिखे. काफी संख्या में महिलाएं भी दिखीं.
जगह-जगह बरसाये गये फूल
वाहनों की लंबी-लंबी कतारें व साथ चल रहे मोटरसाइकिल सवार के बीच अस्थि कलश यात्रा धीरे-धीरे आगे बढ़ानी शुरू हुई. इस दौरान जगह-जगह हिंदू संगठनों व दूसरे संगठनों द्वारा उनकी अस्थि पर फूल फेंके गये. इस दौरान पूरा शहर अटल मय होता दिखा. कोतवाली रोड से अागे बढ़ते हुए जगह-जगह लोगों की लंंबी कतार फोटो लेते दिखी. इस दौरान काफी संख्या में पुलिस के जवान भी तैनात दिखे. चाहे पैदल चल रहा राहगीर हो या गाड़ी पर सवार हर कोई अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि देते दिखा.
वह अटल थे, जिन्हें हर धर्म से प्यार था
मंच पर मौजूद विभिन्न धर्मों के धर्म गुरुओं ने अपने-अपने तरीके से उन्हें श्रद्धांजलि दी. धर्म गुरुओं ने अपनी प्रार्थना में कहा कि वह अटल थे, जिन्हें हर धर्म से प्यार था. वह अटल थे, जिन्हें हर कोई बहुत प्यार करता था. मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा कि अल्लाह उन्हें जन्नत प्रदान करें, क्योंकि वह नेक आत्मा थे. हिंदू धर्मगुरु ने कहा कि वह मानवता के दूत थे. इसके अलावा बौद्ध व सिख धर्म गुरुओं ने भी अलग-अलग तरीके से उनके प्रति आशीष वचन कहे. इस दौरान मंच पर पूरा माहौल अलग सा हो उठा.
नजदीक आती गयी मंजिल, तो हर कोई दिखा मायूस
आजाद पार्क से निकली यात्रा जैसे-जैसे अपने अंतिम पड़ाव विष्णुपद के नजदीक पहुंचने लगी, कई लोग काफी मायूस दिखे. इसमें भाजपा के कई एेसे पुराने कार्यकर्ता थे, जिन्होंने अटल जी के साथ काफी समय गुजारा था, या उनके नेतृत्व में लंबे समय तक काम किया था. वह आपस में बातचीत करते दिखाई दिये कि हम फिर से अकेले हो गये हैं. कुछ फोन पर यात्रा का अपडेट करते भी दिखे. कई ऐसे लोग भी दिखे जो बड़े ही शांत भाव से अटल जी की अस्थियों को निहार रहे थे.

