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दूसरे की जमीन पर दे दिया गया आवास योजना का लाभ
गया : नगर निगम क्षेत्र में चलायी जा रही आवास योजना के बारे कई तरह के विवाद सामने आ चुके हैं. पहले इस योजना का लाभ सरकारी जमीन पर, बिना मालगुजारी रसीद के व बने हुए मकान पर भी देने की बात सामने आ रही थी. लेकिन, अब नया मामला सामने आ रहा है कि […]
गया : नगर निगम क्षेत्र में चलायी जा रही आवास योजना के बारे कई तरह के विवाद सामने आ चुके हैं. पहले इस योजना का लाभ सरकारी जमीन पर, बिना मालगुजारी रसीद के व बने हुए मकान पर भी देने की बात सामने आ रही थी. लेकिन, अब नया मामला सामने आ रहा है कि दूसरे की जमीन पर भी आवास योजना का लाभ दे दिया गया है.
निगम के वार्ड नंबर 37 के कोइरीबारी मुहल्ले में दूसरे की जमीन पर आवास योजना का लाभ दिये जाने का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार, कोइरीबारी के रहनेवाले अरविंद कुमार ने नगर निगम में आवेदन देकर कहा है कि उनकी जमीन पर रामप्रवेश शर्मा व शिव कुमार शर्मा आवास योजना के तहत मकान बना रहे हैं. कई बार शिकायत करने के बाद भी काम नहीं रोका गया है.
पार्षद सारिका वर्मा का कहना है कि रामप्रवेश व शिव कुमार को टूटे हुए मकान पर पैसा दिया गया था. दूसरे के मकान में निर्माण कराने की जानकारी नगर आयुक्त को दे दी गयी है. गौरतलब है कि इससे पहले वार्ड नंबर 33 में भी आवास योजना के तहत पिछले दिनों दूसरे की जमीन पर बने दो मकानों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तोड़ा गया था.
तीन चरणों में होती है कागजात की जांच : प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुक चयन के समय जमीन के कागजात की जांच तीन चरणों में की जाती है. सबसे पहले आवेदन मिलते ही सिटी मैनेजर व नगर आयुक्त कागज की जांच करते हैं. लाभुक सूची में नाम आने के बाद निगम के कर्मचारियों को जमीन के कागजात की जांच के लिए लगाया जाता है. जमीन पर स्थल जांच करने भी कर्मचारी पहुंचते हैं. उसके बाद भी गलती निकलना कहीं-न-कहीं कामकाज पर संदेह पैदा करता है. ऐसे भी कई बार आवास योजना में नाजायज पैसा वसूली का आरोप कर्मचारियों पर लग चुका है.
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