EV charging station:विद्युत मंत्रालय के ताजा आंकड़े बताते हैं कि बिहार में फिलहाल सिर्फ 521 सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन (EVCS) हैं,जिससे राज्य देशभर में 16वें स्थान पर है.
कर्नाटक EV चार्जिंग में नंबर-वन है,जहां 6,097 स्टेशन हैं,जबकि महाराष्ट्र (4,155) और उत्तर प्रदेश (2,326) क्रमशः दूसरे और तीसरे पायदान पर हैं.
पड़ोसी राज्यों से आगे-पीछे
बिहार झारखंड (353) और छत्तीसगढ़ (346) से आगे है,लेकिन पश्चिम बंगाल (903) और ओडिशा (623) से पीछे.परिवहन विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में निजी कंपनियों और स्थानीय निकायों की मदद से शहरी और ग्रामीण इलाकों में चार्जिंग स्टेशनों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी.
पड़ोसी राज्यों के साथ तुलना
पड़ोसी राज्यों में झारखंड (353) और छत्तीसगढ़ (346) बिहार से पीछे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल (903) और ओडिशा (623) आगे हैं. परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क को तेजी से विस्तार देने की योजना तैयार है, ताकि बिहार इस मामले में तेजी से पिछड़ापन दूर कर सके.
हर 25-30 किलोमीटर पर चार्जिंग पॉइंट का प्लान
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में हर 25-30 किलोमीटर पर एक चार्जिंग पॉइंट उपलब्ध हो. इसका फायदा लंबी दूरी तय करने वाले इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को मिलेगा, जिन्हें अभी चार्जिंग की सुविधा के लिए ज्यादा तलाश करनी पड़ती है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल ईवी अपनाने की रफ्तार बढ़ाएगा, बल्कि पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता भी घटाएगा और वायु प्रदूषण में कमी लाएगा.
एक साल में 1000 चार्जिंग स्टेशन का लक्ष्य
बिहार सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना बनाई है.अगले एक साल में 1,000 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार, इसके लिए जिलों के प्रमुख स्थानों को चुना जाएगा, ताकि वहां चार्जिंग की सुविधा आसानी से मिल सके. इस योजना का उद्देश्य ईवी के उपयोग को प्रोत्साहित करना और पर्यावरण को बेहतर बनाना है.
परिवहन विभाग का मानना है कि अगर योजना के मुताबिक काम हुआ तो बिहार आने वाले तीन साल में चार्जिंग नेटवर्क के मामले में शीर्ष दस राज्यों में शामिल हो सकता है.
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