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Election Comission: “बिहार को लोकतंत्र की हत्या का प्रयोगशाला बनाया गया”, 12 राज्यों में SIR को लेकर सियासी जंग

Election Comission: चुनाव आयोग ने SIR के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है, जो अब 12 राज्यों में चलेगा. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने 2003 में जो SIR किए थे उसके दिशानिर्देश सर्वाजनिक करें. पढे़ं पूरी खबर…

Election Comission: देश में एक बार फिर मतदाता सूची का बड़ा अभियान शुरू हो गया है. चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण के दूसरे चरण का ऐलान कर दिया है. पहले चरण की शुरुआत बिहार से हुई थी, और अब यह अभियान देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चलाया जाएगा.

“बिहार को लोकतंत्र की हत्या का प्रयोगशाला बनाया गया”

SIR के दूसरे चरण को लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस अभियान पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, “SIR जो बिहार में हुआ तो बिहार को लोकतंत्र की हत्या का एक प्रयोगशाला बनाया गया और अब 12 राज्यों में वही दोहराया जा रहा है. बिहार के SIR से चुनाव आयोग ने अपनी विश्वसनीयता खो चुका है. चुनाव आयोग ने 2003 में जो SIR किए थे उसके दिशानिर्देश सर्वाजनिक करें और उन्हीं दिशानिर्देश पर चले. वरना चुनाव आयोग पर बहुत बड़ा धब्बा लग चुका है.”

जदयू नेता ने कहा, “SIR पूरे देश में होना चाहिए”

12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR के दूसरे चरण पर, JDU नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, “हम 12 राज्यों में SIR आयोजित करने के निर्णय का स्वागत करते हैं. सही मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए यह प्रक्रिया पूरे देश में आयोजित करना आवश्यक है, जो पारदर्शी चुनाव का आधार बने.” वहीं बिहार चुनावों के लिए आज जारी होने वाले महागठबंधन के संयुक्त घोषणापत्र पर उन्होंने कहा, “लोग केवल घोषणाओं में नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर किए गए काम में विश्वास करते हैं.”

पहली बार नहीं हो रही SIR की प्रक्रिया: बीजेपी नेता

BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. गुरु प्रकाश पासवान ने SIR के दूसरे चरण को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “वे बिहार में थे और उन्होंने यात्रा भी निकाली. कांग्रेस पार्टी के साथ समस्या यह है कि उसका शीर्ष नेतृत्व कुछ कहता है, जिला नेतृत्व कुछ और कहता है और जमीनी कार्यकर्ता कुछ और कहते हैं. SIR प्रक्रिया पूरी तरह से संवैधानिक है, फिर भी, वे बेबुनियाद बातें कहेंगे. ऐसा नहीं है कि SIR की प्रक्रिया पहली बार हो रही है. यह एक नियमित प्रक्रिया है.”

चुनाव आयोग ने बिहार में SIR को बताया सफल

बीते दिन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बिहार में SIR सफल रहा और लोगों ने इस प्रक्रिया पर भरोसा जताया. अब दूसरे चरण में अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुद्दुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में इसे लागू किया जाएगा. इन जगहों पर करीब 51 करोड़ मतदाता हैं और 5 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन व बीएलओ तैनात किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि देश में आखिरी बार 21 साल पहले SIR किया गया था. इस प्रक्रिया का मकसद योग्य मतदाताओं को जोड़ना और गलत या मृत मतदाताओं के नाम हटाना है.

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Aniket Kumar
Aniket Kumar
अनिकेत बीते 4 सालों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं. राजस्थान पत्रिका और न्यूजट्रैक जैसे मीडिया संस्थान के साथ काम करने का अनुभव. हाईपरलोकल और राजनीति की खबरों से अधिक जुड़ाव. वर्तमान में प्रभात खबर की डिजिटल टीम के साथ कार्यरत.

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