Darbhanga News: कमतौल. जाले प्रखंड क्षेत्र में छठ पूजा के बाद आए चक्रवाती तूफान के कारण हुई भारी वर्षा से धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है. खेतों में पानी जमा होने से अब रबी की खेती पर भी संकट मंडरा रहा है. ढढ़िया के किसान प्रेम प्रकाश यादव, कमतौल के चंदन कुमार आदि ने बताया कि लगातार तीन दिनों तक हुई वर्षा से धान की आधी से अधिक फसल खेतों में बर्बाद हो गयी है. एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी खेतों में पानी भरा हुआ है, जिससे किसान बची हुई फसल की कटनी नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि जिन किसानों ने धान की देर से बोआई की थी और अभी बालियां निकल ही रही थीं, वे फसलें बची हुई हैं. उनमें दाने तैयार हो रहे हैं. धान की कटनी में देरी और खेतों में जलजमाव के कारण रबी की खेती प्रभावित हो रही है. खेतों में पानी होने के कारण किसान अगात दलहन-तेलहन की बोआई नहीं कर पा रहे हैं. अहियारी गोट, निमरौली, रही टोल, उसरा, चनुआटोल, मिर्जापुर, कुम्हरौली, कमतौल, ढढ़िया, बेलबाड़ा, मिल्की आदि के किसानों ने बताया कि जबतक खेत सूख नहीं जाते, गेहूं की बोआई संभव नहीं है. वर्षा के एक सप्ताह बाद भी खेतों में काफी पानी भरा हुआ है. तापमान कम होने के कारण पानी सूखने में कम से कम एक महीना लग सकता है, जिससे रबी की बोवाई में काफी देर हो जाएगी. देर से की गयी बोआई से फसल की पर्याप्त उपज नहीं मिल पाएगी.
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