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Darbhanga News: आपातकालीन विभाग के ट्राइएज एरिया में मरीज के साथ भीतर जा सकेंगे मात्र दो परिजन

Darbhanga News:डीएमसीएच के इमरजेंसी विभाग की चिकित्सा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा रहा है.

Darbhanga News: दरभंगा. डीएमसीएच के इमरजेंसी विभाग की चिकित्सा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा रहा है. मरीजों में इंफेक्शन के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन की ओर से कदम उठाया जा रहा है. अब मरीज के साथ दो ही परिजनों को आपातकालीन विभाग के ट्राइएज एरिया एवं सीसीडब्ल्यू में प्रवेश मिलेगा. इसे लेकर रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पास निर्गत किया जायेगा. इसी पास के आधार पर मरीजों के साथ परिजन भीतर जा सकेंगे. इसे लेकर गेट पर गार्ड की तैनाती की गयी है. अस्पताल प्रशासन का मानना है कि नयी व्यवस्था से एक ओर जहां मरीजों को इंफेक्शन का खतरा कम होगा, वहीं चिकित्सक भी बेहतर तरीके से ट्रीटमेंट कर पायेंगे.

नियम को नहीं मानने पर की जायेगी कार्रवाई

आपातकालीन विभाग में नये नियम के अनुपालन के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन की ओर से सख्त कदम उठाये जायेंगे. नियम का पालन नहीं करने पर संबंधित कर्मी व लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. ट्राइएज एरिया के गेट व मेडिसिन, सर्जरी व ऑर्थो विभाग के सीसीडब्ल्यू के प्रवेश मार्ग पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जायेगी. व्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए बेंता थाना पुलिस की सहायता ली जायेगी.

ट्राइएज एरिया में लगाये गये 12 बेड

सर्जरी ब्लॉक के इमरजेंसी में ट्राइएज एरिया स्थापित किया गया है. इसमें 12 बेड लगाये गये हैं. प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई की गयी है. मरीज के मॉनिटरिंग के मद्देनजर मॉनिटर लगाया गया है. गंभीर मरीजों की चिकित्सा के लिये अन्य चिकित्सकीय उपकरण लगाये गये हैं. बताया गया कि इस एरिया में कुछ काम बांकी हैं, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा.

क्या होता है ट्राइएज एरिया

ट्राइएज एरिया एक चिकित्सा या आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल होने वाला स्थान होता है, जहां मरीजों की स्थिति की गंभीरता के आधार पर उनकी प्राथमिकता तय की जाती है. यह आमतौर पर अस्पतालों के आपातकालीन विभाग या आपदा स्थानों पर स्थापित किया जाता है. इसके तहत मरीजों को उनकी चिकित्सा आवश्यकताओं के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है, ताकि सबसे गंभीर स्थिति वाले मरीजों को तुरंत इलाज मिले.

मरीजों के स्थिति का किया जाता बेहतर आकलन

चिकित्सकों के अनुसार ट्राइएज एरिया में मरीजों की जांच के बाद वास्तविक स्थिति का आकलन किया जाता है. उस आधार संबंधित मरीजों के बेहतर इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाती है. मरीजों को तीन या चार श्रेणियों में बांटा जाता है. इसमें तत्काल जानलेवा स्थिति, तुरंत इलाज की जरूरत, गंभीर लेकिन तत्काल खतरा नहीं, गैर आपातकालीन या मामूली चोट अथवा बीमारी, इलाज में देरी संभव वर्ग शामिल है.

कहतीं हैं अधीक्षक

इमरजेंसी में मरीजों की बेहतर चिकित्सा के मद्देनजर ट्राइएज एरिया स्थापित किया गया है. इसका अनुपालन हर हाल में करना है. इसे लेकर अतिरिक्त गार्ड की तैनाती की जायेगी. बेहतर परिणाम के लिये बेंता थाना से संपर्क किया जायेगा.

डॉ शीला कुमारी, अधीक्षक

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