Darbhanga News: दरभंगा. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, लहेरियासराय सेवाकेंद्र में 15 दिवसीय अलौकिक राखी महोत्सव का शुभारंभ हुआ. अध्यक्षीय उद्बोधन में ब्रह्माकुमारीज बिहार एवं झारखंड की प्रमुख राजयोगिनी रानी दीदी ने कहा कि आज मानव दुःखी और अशांत है, क्योंकि एक-दूसरे को नकारात्मक चीज परोस रहा है. कहा कि जिसके पास जो है, वही देगा. दुःखी व्यक्ति दूसरों को सुख नहीं दे सकता है. इसलिए दूसरों को देखकर हमें अपने विचारों को नहीं बदलना चाहिये.
मनोविकारों तथा दुखदाई सोच से रक्षा जरूरी
बेगूसराय से पधारी राजयोगी कंचन दीदी ने कहा कि हम हर वर्ष रक्षाबंधन मनाते हैं, बावजूद आज भी बहनों को रक्षा की जरूरत है. कहा कि वह इसलिए कि वास्तव में हम रक्षा बाहर की चीजों को समझते हैं, लेकिन रक्षा तो पहले हमें स्वयं को अपने ही मनोविकारों से करने की जरूरत है. जब तक हम स्वयं की रक्षा अपने मनोविकारों से, दुखदाई सोच से नहीं करेंगे, तब तक बहन तो क्या भाई भी सुरक्षित नहीं रह सकता. कहा कि आज रक्षा सिर्फ बहनों को नहीं भाइयों को भी रक्षा चाहिए. वास्तविक रक्षा बंधन तभी हो सकता है, जब हम उस सर्वशक्तिमान परमात्मा से अपने मन व विचारों को जोड़ेंगे. इसके बाद ही हमारे जीवन में सच्ची खुशी व शांति आ सकती है और यही वास्तविक रक्षा है.रक्षा बंधन अलौकिक बंधन
कहा कि कोई भी मनुष्य बंधन में बंधना नहीं चाहता. रक्षाबंधन एक अद्भुत अलौकिक बंधन है, जिसमें लोग बंध कर स्वयं को सुरक्षित महसूस करते हैं. यही आत्मा और परमात्मा के प्यार की मर्यादा का बंधन है, जो हर आत्मा चाहे भाई हो या बहन, उसकी रक्षा करता है.ब्रह्माकुमारीज का हर त्योहार अपने आप में अलौकिक अर्थ लिए होता- मंत्री
मुख्य अतिथि के रूप में विचार प्रकट करते हुए मंत्री मदन सहनी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज का हर त्योहार अपने आप में अलौकिक अर्थ लिए होता है. हम सब को इसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए. डीएमसीएच अधीक्षक डॉ शीला साहू ने कहा कि जब से इस संस्था से जुड़ी हूं मेडिटेशन एवं आध्यात्मिक ज्ञान से काफी शांति पायी है. जेल अधीक्षक स्नेहलता ने कहा कि सचमुच में रक्षा बंधन का वास्तविक अर्थ में यहां ही समझी. बीएसएनएल दरभंगा के मुख्य प्रबंधक अजीत कुमार ने कहा कि ब्रह्मकुमारी का मेडिटेशन एवं ज्ञान अपने आप में अद्भुत है. कार्यक्रम के अंत में सभी भाई- बहनों को रक्षा सूत्र बांधा गया. सभी को नशा मुक्त रहने की प्रतिज्ञा करायी गयी. मौके पर कुमारी रिया, कुमारी प्रिया ने नृत्य की प्रस्तुति दी. रक्षा बंधन से संबंधित गीत जास्मीन ने गाये. मंच संचालक सुधाकर ने किया.कारागार में लगभग 300 कैदियों को बांधी गयी राखीएक और कार्यक्रम में दरभंगा कारागाह में लगभग 300 कैदियों को राखी बांधी गयी. मौके पर सुधाकर ने कहा कि जब तक हम अपने सोच को श्रेष्ठ व पवित्र नहीं बनाएंगे, तब तक हमारा जीवन श्रेष्ठ नहीं बन सकता. बहनों की रक्षा तभी हो सकती है, जब हम अपनी सोंच को श्रेष्ठ व पवित्र बनायेंगे. दरभंगा की प्रमुख आरती बहन ने रक्षाबंधन के आध्यात्मिक अर्थ पर प्रकाश डाली.
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