Darbhanga News: अलीनगर. कुवैत के असवान इंटरनेशनल कंपनी में हरियठ गांव के तकनीकी कर्मी चाचा-भतीजा की मौत होने से पूरे गांव में मातम पसर गया है. वहीं पत्नी, बच्चों समेत परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. गुरुवार की शाम दोनों शव एक ही पंडाल में पहुंचते ही वहां भीड़ जुट गयी. घर में कोहराम मच गया. करीब 5.45 बजे शाम स्थानीय मदरसा परिसर में जनाजे की नमाज अदा करने के बाद बगल स्थित कब्रिस्तान में दोनों शव का सुपुर्दे खाक किया गया. मृतकों में 45 वर्षीय मो. इमामुद्दीन उर्फ गुलाब तथा 37 वर्षीय मो. तौकीर शामिल है. दोनों रिश्ते में चाचा-भतीजा हैं. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार गत चार अगस्त को अन्य टेक्नीशियन के साथ दोनों कंपनी की ओर से कहीं केमिकल टैंक सेट करने के बाद उसे संचालित किया. इसी दौरान वह विस्फोट कर गया, जिसमें चाचा-भतीजा समेत काम करने वाले उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति की भी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. इसकी सूचना परिजनों को दी गयी तो दोनों शव को भेज देने की बात रखी गयी. हवाई जहाज से शव को दरभंगा तक भेजा गया. वहां से एंबुलेंस के माध्यम से गांव लाया गया. बताया जाता है कि इमामुद्दीन कुवैत में गत 19 वर्षों से अलग-अलग कंपनियों में काम करते थे. करीब एक वर्ष पहले वह गांव से कुवैत गये थे. उसीने अपने रिश्ते के भतीजा तौकीर को सात महीना पहले कुवैत अपनी कंपनी में बुलाया था. इमामुद्दीन 10 भाई-बहनों में पांचवें नंबर पर था. पत्नी नगमा परवीन, वृद्ध माता मोनिसा खातून, पिता मो. अलाउद्दीन, 19 वर्षीया पुत्री शगुफ्ता परवीन, 18 वर्षीय पुत्र इम्तियाजउद्दीन, 14 वर्षीय पुत्र इश्तियाकउद्दीन, 12 वर्षीया पुत्री संजीदा परवीन व 6 वर्षीय पुत्र सैफुद्दीन के विलाप से हरेक व्यक्ति की आंखें नम हो जा रही है. इनकी सभी पांच बहनें विवाहित हैं. वहीं मो. तौकीर पहली बार सात महीना पूर्व कुवैत गया था, जहां उसकी मौत से पत्नी शगुफ्ता परवीन, वृद्ध माता अख्तरी खातून, पिता अब्दुल बाकी, आठ वर्षीय पुत्र मुंतकी व पांच वर्षीय पुत्र मो. मोइनुद्दीन का रो-रोकर बुरा हाल है. तीन वर्षीया पुत्री मारिया आरजू सभी का चेहरा बस निहार रही थी.
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