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Darbhanga News: फिर जिले के पाले में शिक्षक स्थानांतरण की गेंद

Darbhanga News:विभिन्न कारणों से खासी संख्या में जिले के शिक्षक लंबे समय से स्थानांतरण की बाट जोह रहे हैं.

Darbhanga News: दरभंगा. विभिन्न कारणों से खासी संख्या में जिले के शिक्षक लंबे समय से स्थानांतरण की बाट जोह रहे हैं. जब दिसंबर के महीने में इ-शिक्षा कोष पोर्टल पर आवेदन लिया गया तथा इसका निष्पादन राज्य स्तर से कंप्यूटराइज्ड करने की बात सामने आई, तो शिक्षकों में आशा जगी कि अब उनकी तकदीर में जो होगा, उसी स्कूल में पोस्टिंग होगी. कंप्यूटराइज्ड पोस्टिंग में धांधली की कम गुंजाइश रहेगी. अंतर जिला स्थानांतरण के तहत चरणबद्ध कुछ कोटि के शिक्षकों का जिला आवंटित किया गया तथा जिला आवंटन के पत्र में ही स्कूल पोस्टिंग का डेड लाइन निर्धारित किया गया, किंतु तारीख पर तारीख गुजरती रही. इसी बीच एक साथ 1.30 लाख शिक्षकों के ट्रांसफर एवं स्कूल पोस्टिंग की जिम्मेवारी जिला को देने की बात सामने आई. इस बाबत अहस्ताक्षरित गाइडलाइन सोशल मीडिया पर है. उससे ऐसा लग रहा है एक बार फिर स्थानांतरण की कमान जिला के हाथों में सौंप दी गई है. यह गेंद डीइओ के पाले में है.

जानकारों की मानें तो भले उसमें कोडिंग कर दिये जाने की बात कही गयी है, किंतु इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बड़ी संख्या में शिक्षकों के स्थानांतरण एवं एक-एक कर शिक्षक का पोर्टल खुलने एवं टाइमलाइन निर्धारित होने की वजह से मैन्युअल पोस्टिंग मनमाने तरीके से की जायेगी. स्कूल पोस्टिंग करने वाले अधिकारी के पास सोचने-समझने के लिए इतना समय नहीं होगा कि वे मानदंड के अनुसार पोस्टिंग कर सकें. उनके कंधों पर पहले से ही अनेक काम के बोझ हैं .गाइडलाइन में यह भी उल्लेख है कि इसमें किसी भी तरह के त्रुटि आदि की सुनवाई जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे. इससे ऐसा लगता है कि फर्स्ट पोस्टिंग के बाद एडजस्टमेंट का भी अधिकार जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास ही होगा. अगर ऐसा हुआ तो इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि विभाग का शिक्षकों का नजदीक से नजदीक पोस्टिंग का मिथक टूट जायेगा. शिक्षकों को इसका भी भय सता रहा है कि एडजस्टमेंट के नाम पर बड़ा खेल भी हो सकता है.

वापस जिला को स्कूल पोस्टिंग की कमान सौंपने पर उठ रहे सवाल

यह पहला मौका था, जब नई बहाली की पोस्टिंग स्टेट लेवल एजेंसी के माध्यम से सॉफ्टवेयर के माध्यम से की गयी. नई व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. कहा जा रहा है कि ऐसी क्या नौबत आ गई जो शिक्षकों के जिला आवंटन के बाद स्कूल पोस्टिंग में इस प्रक्रिया को अपनाया नहीं जा सका. कई महकमों में तो यह भी चर्चा है कि ट्रांसफर प्रक्रिया को अटकाने के उद्देश्य से नई प्रक्रिया की शुरुआत की गई है. यह कैसे संभव है कि डीइओ अपनी आइडी से एक-एक जिला में तीन से चार हजार तक शिक्षकों का स्थानांतरण 15 दिनों में कर सकें. क्या गारंटी है कि वे किसी सबोर्डिनेट का सहयोग नहीं लेंगे. बहरहाल इस मामले में कई तारीख गुजर चुकी है. एक बार फिर 15 जून की तारीख निर्धारित की गई है. बता दें कि जिले के 3000 से ज्यादा शिक्षक अंतर जिला स्थानांतरण के बाद स्कूल पोस्टिंग के इंतजार में हैं.

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