Darbhanga News: राजकुमार रंजन, दरभंगा. निजी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चे अगली कक्षा में पढ़ाई के लिए स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) सरकारी स्कूलों से ले रहे हैं. ऐसा इस लिये कि ऐसे बच्चे निजी के साथ ही सरकारी स्कूलों में भी नामांकन ले रखे हैं. बीइओ तथा संबंधित स्कूल प्रधान से अनुशंसित टीसी जब डीइओ स्तर पर स्वीकृति के लिए आवेदन सहित आ रहा है, तब इसका उजागर अपार आइडी से हो रहा है. पता चल रहा है कि अधिकांश टीसी प्राप्त बच्चे संबंधित सरकारी विद्यालयों में कभी पढ़े ही नहीं थे. विभागीय सूत्रों के अनुसार इस तरह की टीसी पर अनुशंसा करने के लिए संबंधित विद्यालय से आने वाले अधिकृत शिक्षकों को फटकार लग रही है. बताया जाता है कि अन्य जिले अथवा अन्य राज्य में बच्चे के नामांकन के लिए टीसी पर डीइओ की अनुशंसा अनिवार्य है. नवोदय विद्यालय में नामांकन के लिए भी टीसी पर डीइओ की अनुशंसा चाहिये होती है. अब तक अन्यत्र नामांकन के लिए 75 टीसी अनुशंसा के लिए डीइओ कार्यालय भेजा गया है. वहीं नवोदय विद्यालय में नामांकन को लेकर 25 टीसी मिला है. इनमें से अधिकांश बच्चों का नामांकन गलत तरीके से मिली भगत कर सरकारी स्कूलों में दिखाया गया है.
जिले में 9172 बच्चों को निजी के साथ सरकारी विद्यालयों में नामांकन
बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल (बीइपीसी) से प्राप्त आंकड़ा के अनुसार जिले में अब भी 09 हजार 172 ऐसे बच्चे हैं. जिनका नामांकन निजी एवं सरकारी विद्यालयों में है. ये बच्चे अध्ययन निजी विद्यालय में करते हैं, परंतु सरकारी विद्यालय प्रधान की मिली भगत से राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ सरकारी विद्यालय से उठा रहे हैं. इनकी फर्जी उपस्थिति भी सरकारी विद्यालयों में बनती है.
उपस्थिति पंजी में टेंपरिंग कर फर्जी छात्र का चढ़ाया नाम
कुशेश्वरस्थान की एक छात्र, शिक्षक के साथ जिला शिक्षा विभाग पहुंची थी.शिक्षक अपने साथ छात्र की उपस्थिति पंजी भी ले गये थे. जब डीइओ ने बारीकी से उपस्थिति पंजी की जांच की, तो नाम में टेंपरिंग पाया गया. गौड़ाबौराम प्रखंड क्षेत्र से शिक्षक के साथ पहुंचे एक छात्र का नाम भी जांच के दौरान उपस्थिति पंजी में टेंपरिंग पाया गया. डीइओ ने छात्र को डीबीटी से स्थानांतरण राशि का ब्यौरा मांगा, तो शिक्षक चुप हो गए. बिरौल की नवमी की छात्रा के बीइओ से अनुसंशित टीसी की जांच के क्रम में जब डीबीटी की राशि एवं नामांकन पंजी को खंगाला गया तो पता चला कि वह डीबीटी का लाभ ली है. जबकि जांच में पता चला कि वह निजी विद्यालय में भी नामांकित है.
क्या कहते हैं डीइओ
नवोदय में नामांकन अथवा अन्य जिले या राज्य में नामांकन के लिए छात्रों के टीसी पर डीइओ की स्वीकृति जरूरी है. कार्यालय पहुंच रहे अधिकांश छात्रों की उपस्थिति पंजी में टेपरिंग दिख रहा है. सभी से डीबीटी ट्रांसफर, नामांकन पंजी का ब्योरा तथा अपार आइडी मांगा जा रहा है.
-केएन सदा, डीइओडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है