Darbhanga News: सदर. बिहार की कृषि योग्य मिट्टी में जिंक, बोरॉन, आयरन जैसे महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्वों की भारी कमी न केवल किसानों की आमदनी को प्रभावित कर रही है बल्कि इससे मानव स्वास्थ्य और राज्य की आर्थिक प्रगति पर भी गंभीर असर पड़ रहा है. यह चेतावनी राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा में चल रहे छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार ने दी. प्रशिक्षण कार्यक्रम में सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रबंधन विषय पर व्याख्यान देते हुए डॉ. कुमार ने कहा कि बिहार की मिट्टी लगातार पोषक तत्वों की कमी से जूझ रही है. भारत के लगभग 85 फीसदी मखाना और कई अन्य प्रमुख फसलों का उत्पादन करने वाला यह राज्य जिंक बोरॉन और आयरन की कमी से बुरी तरह प्रभावित है. उन्होंने कहा इस स्थिति का असर केवल फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता तक सीमित नहीं है बल्कि यह समस्या मानव स्वास्थ्य को भी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रही है.
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