Darbhanga News: दरभंगा. दरभंगा हवाई अड्डा से नाइट लैंडिंग सुविधा शुरू करने की कवायद तेज हो गयी है. हवाई अड्डा प्राधिकरण के स्थानीय कार्यालय ने वाच आवर आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करने के लिए हेड क्वार्टर को प्रस्ताव भेजा है. इसमें सुबह नौ से रात नौ बजे तक विमानों के परिचालन की अनुमति मांगी गयी है. प्रस्ताव पर जल्द ही अंतिम निर्णय ले लिए जाने की संभावना जतायी जा रही है. वाच ऑवर बढ़ने से नाइट लैंडिंग की सुविधा भी उपलब्ध हो जायेगी.
सीमित वाच ऑवर होने से होती परेशानी
वर्तमान में दरभंगा हवाई अड्डे से सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक ही विमानों की आवाजाही की अनुमति है. सीमित वाच ऑवर के कारण एयरलाइंस कंपनियों को फ्लाइट शेड्यूल तय करने में परेशानी होती है. कई बार तकनीकी कारणों या विपरीत मौसम के कारण विमानों की उड़ान रद्द करनी पड़ती है. वाच ऑवर मात्र आठ घंटे का होने से विमानों काे उसी दिन कंपनियां री-शेड्युल नहीं कर पाती है. इससे यात्रियों को भारी असुविधा होती है. वाच आवर बढ़ने से न केवल इस समस्या का समाधान होगा, बल्कि अन्य विमानन कंपनियों को भी नयी उड़ानें शुरू करने में सहूलियत मिलेगी. एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के लिए अतिरिक्त शिफ्ट बढ़ाने और कर्मचारियों की तैनाती पर भी विचार चल रहा है.कनेक्टिविटी नेटवर्क होगा और बेहतर
जानकारी के अनुसार वाच ऑवर बढ़ाने का प्रस्ताव ऊपर भेजने के साथ ही रनवे पर नाइट लैंडिंग के लिए आवश्यक तकनीकी उपकरणों की स्थापना, लाइटिंग सिस्टम के उन्नयन और सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने की प्रक्रिया तेज कर दी गयी है. हवाई अड्डा प्रशासन के अनुसार नाइट लैंडिंग सुविधा शुरू होने से दरभंगा का कनेक्टिविटी नेटवर्क और बेहतर होगा. उत्तर बिहार के यात्रियों को रात में भी उड़ान की सुविधा मिल सकेगी. सामान्य दिनों में औसतन 2000 यात्री कर रहे डेली सफरदरभंगा हवाई अड्डा से घरेलू उड़ान की शुरूआत 08 नवंबर 2020 में शुरू हुई थी. तब से लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है. त्योहारों के दौरान प्रतिदिन 2500 से अधिक लोग यात्रा करते हैं. जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या औसतन 2000 है.व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों को मिलेगी उछालविशेषज्ञों का मानना है कि दरभंगा हवाई अड्डा पर नाइट लैंडिंग सुविधा शुरू होने से न केवल क्षेत्र के लोगों को सुविधा होगी, बल्कि व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों को भी नयी उछाल मिलेगी. यह कदम उत्तर बिहार के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है.
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