Darbhanga News: दरभंगा. लनामिवि के पीजी भूगोल विभाग “पाइथन प्रोग्रामिंग भाषा और एमएस एक्सेल सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए भौगोलिक और सांख्यिकीय डेटा का विश्लेषण ” विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला गुरुवार को शुरू हुई. विभागाध्यक्ष डॉ अनुरंजन ने कहा कि शोध और रोजगार की दृष्टि से कार्यशाला अत्यन्त उपयोगी है. पाइथन प्रोग्रामिंग भाषा और एमएस एक्सेल सॉफ्टवेयर जैसे आधुनिक डेटा विश्लेषण उपकरणों का ज्ञान आज के डिजिटल युग में अत्यन्त महत्वपूर्ण है. कार्यशाला में छात्रों को इसकी जानकारी दी जायेगी. कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जायेगा.
डेटा विश्लेषण की व्यावहारिक समझ प्रदान करेगी कार्यशाला
संयोजक डॉ मनु राज शर्मा ने कहा कि कार्यशाला विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा शिक्षकों को डेटा विश्लेषण की व्यावहारिक समझ प्रदान करेगी. शोध एवं शैक्षणिक क्षेत्र में उन्हें सक्षम बनाएगी. डॉ सुनील कुमार सिंह ने कहा कि प्रतिभागियों को पाइथन और एक्सेल के माध्यम से भू-स्थानिक एवं सांख्यिकीय डेटा के विश्लेषण का प्रशिक्षण मिलेगा. कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से लगभग 25 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं.पहले दिन चार तकनीकी-सत्र
पहले दिन चार तकनीकी-सत्र आयोजित किया गया. डॉ शर्मा ने “भौगोलिक एवं सांख्यिकीय डेटा विश्लेषण तथा एनाकोंडा प्लेटफ़ॉर्म ” का परिचय प्रस्तुत किया. डॉ पूजा अग्रवाल ने “पाइथन प्रोग्रामिंग की मूल बातें तथा डेटा विश्लेषण व दृश्यांकन में इसके अनुप्रयोग” पर चर्चा की. तीसरे सत्र में डॉ सुनील कुमार सिंह ने एक्सेल में माध्य, माध्यिका, प्रचुरता एवं प्रसरण जैसे आंकड़ों के मापन पर व्याख्यान दिया. अंतिम सत्र में प्रतिभागियों को एक्सेल में डेटा इंपोर्ट कर उसे विजुलाइज करने की प्रायोगिक गतिविधि कराई गई. संचालन डॉ रश्मि शिखा ने की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है