Darbhanga News: दरभंगा. राष्ट्रीय विचारों के प्रसार के निमित्त प्रस्तावित तीन दिवसीय चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव की तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है. संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में इसका आयोजन आगामी 18 अक्तूबर से 20 अक्तूबर तक हो रहा है. इसका उद्घाटन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर करेंगे. इस दौरान राष्ट्रीय स्तर के अध्येता विद्वानों का समागम होगा. सम-सामयिक विषयों पर विभिन्न् सत्रों में चर्चा-परिचर्चा की जायेगी. इसे लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किये जा रहे हैं. बुधवार को आयोजन स्थल का सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने जायजा लिया. राज्यपाल सहित देशभर से आ रहे विशिष्टजनों की सुरक्षा एवं आयोजन के दौरान विधि-व्यवस्था के नजरिए से आवश्यक निर्देश भी दिया. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय विचारों के प्रसार के लिए चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव का प्रतिवर्ष आयोजन होता रहा है. इस वर्ष इस तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन अपनी ज्ञान परंपरा एवं सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध नगर दरभंगा में हो रहा है. उद्घाटन 18 अक्तूबर को सुबह 10 बजे होगा. इस सत्र में राज्यपाल अर्लेकर के अलावा महोत्सव के स्वागत समिति के अध्यक्ष कुमार कपिलेश्वर सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र कार्यवाह मोहन सिंह, महोत्सव के संयोजक राजेंद्र प्रसाद गुप्ता एवं साहित्य अकादमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा मंचासीन रहेंगे. इस दिन तीन और सत्र आयोजित होंगे. प्रथम सत्र में तीन विषयों- भारत का स्वतंत्रता संघर्ष : स्व के जागरण का प्रतिफल, भारतीय संस्कृति : वैश्विक समस्याओं का समाधान तथा आर्थिक चिंतन का भारतीय दृष्टिकोण पर चर्चा-परिचर्चा होगी. दूसरे सत्र में विख्यात व्यक्तित्व से आगंतुक एवं सहभागी रू-ब-रू होंगे. देर शाम तीसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, जिसमें लोक नृत्य एवं गायन प्रस्तुत किये जायेंगे. अगले दिन 19 अक्तूबर को प्रथम सत्र में समावेशी विकास एवं पर्यावरण संरक्षण, साहित्य-पत्रकारिता में भारतीय चिंतन तथा लोक साहित्य, कला, संस्कृति में एकात्म बोध विषय पर परिचर्चा होगी. भारतीय साहित्य में सामाजिक समरसता विषय पर दूसरे सत्र में, भारतीय संस्कृति में मातृ शक्ति जागरण तीसरे सत्र में तथा चौथे सत्र में भारतीय सिनेमा व स्व का जागरण विषय पर व्याख्यान होगा. देर शाम कवि सम्मेलन आयोजित किया जायेगा. अंतिम दिन 20 अक्तूबर को आध्यात्म की वैज्ञानिकता, भारतीय साहित्य में नागरिक कर्त्तव्यबोध तथा मिथिला की ज्ञान परंपरा पर विषद विमर्श के पश्चात समापन सत्र आरंभ होगा. इसकी तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है. संस्कृत विवि के मैदान में बड़ा पंडाल बनाया गया है. सह संयोजक राजेश कुमार के अनुसार तैयारी के अंतिम रूप दिया जा रहा है.
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