Darbhanga News: दरभंगा. मौसम का तल्ख तेवर नरम पड़ने का नाम नहीं ले रहा है. कड़ाके की ठंड से निजात नहीं मिल पा रही है. लगातार ठंड में इजाफा ही होता जा रहा है. मंगलवार को सुबह छह बजे तक सामान्य दिख रहा मौसम समय के साथ विकराल रूप धारण करता चला गया. घना कोहरा छा गया. इसने सड़कों पर वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया. लाइट जला गाड़ियां रेंगती नजर आयी. आलम रहा कि रजाई से बाहर निकलते ही ठिठुरन महसूस होने लगती. इसने लोगों को घर के भीतर ही रहने के लिए आज भी विवश बनाए रखा. यूं तो इस मौसम ने आम से लेकर खास सभी को परेशान कर रखा है, लेकिन यह रोज कमाने-खाने वालों के लिए आफत बन गई है. इन्हें काम नहीं मिल रहा. ऐसे में अपने साथ परिजनों के पेट की आग बुझा पाना मुश्किल हो गया है. लहेरियासराय बाकरगंज में सुबह आठ बजे से काम की तलाश में जमे थलवारा के उमेश ने बताया कि पिछले तीन दिनों से पहुंचते हैं, लेकिन कोई भी काम नहीं मिलता. घर में रोटी तो पक जाती है लेकिन सब्जी का जुगाड़ नहीं हो पता. राजमिस्त्री का काम करने वाले सुरेश कुमार का कहना था कि मौसम खराब होने के कारण गांव के बगल में जहां काम कर रहा था, वहां काम बंद कर दिया गया. यहां आया. सोचा था, कोई छोटा-मोटा काम भी मिल जाएगा लेकिन आज दूसरा दिन है, निराशा ही हाथ लगी है. कुछ ऐसी ही बातें कटहलबाड़ी एवं चूनाभट्ठी में काम की तलाश के लिए पहुंचे राजेश मुखिया, उपेंद्र पासवान, जोगी मंडल आदि ने भी कही. उल्लेखनीय है कि कड़ाके की ठंड के कारण अधिकांश लोग घरों से बाहर नहीं निकलते. सड़कें सुनसान पड़ी रहती हैं. लोगों ने भी अपने घर का काम करना भी इन दोनों बंद कर रखा है. इस वजह से जहां एक तरफ दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा, वहीं टेंपो, रिक्शा, ठेला आदि चलाकर दो जून की रोटी का जुगाड़ करने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बाजार में सन्नाटा पसरा रहने की वजह से चाय-नाश्ता आदि दुकान संचालित करने वालों के पास ग्राहकों के नहीं पहुंच पाने के कारण कारोबार ठप सा पड़ गया है. लोग शिद्दत से मौसम में सुधार की राह देख रहे हैं.
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