Darbhanga News: अशोक गुप्ता. दरभंगा. सरकारी स्कूलों में दूसरी कक्षा के 50 फीसदीी से अधिक बच्चों को वाक्य लिखना नहीं आता है. वे वर्ग कक्ष में शिक्षकों द्वारा बोले गए वाक्य को कॉपी पर नहीं लिख पा रहे हैं. इन बच्चों में से 16 फीसदी बच्चे बोले गए अक्षर तक अपनी कॉपी में लिखना नहीं जानते. जबकि 24 फीसदीी बच्चों को शब्द लिखने तक का ज्ञान नहीं है. इसका खुलासा एससीइआरटी की ओर से हाल में कराए गए भाषाई सर्वेक्षण में हुआ है.
सर्वेक्षण में जिले के चार दर्जन से ज्यादा स्कूल रहे शामिल
प्रदेश के 38 जिले के 1602 विद्यालयों में दूसरी कक्षा के 13014 बच्चों की भाषायी दक्षता जानने के लिए एससीइआरटी से सर्वेक्षण कराया गया था. सर्वेक्षण में जिले के चार दर्जन से ज्यादा स्कूल शामिल रहे. सर्वेक्षण में डायट के प्रशिक्षुओं एवं फील्ड इन्वेस्टिगेटर ने वर्ग में वाक्य बोल कर बच्चों से कॉपी पर लिखने को कहा था. विभाग की समेकित रिपोर्ट में 13014 बच्चों में से 6637 बच्चे एक भी वाक्य नहीं लिख पाए. अक्षर और शब्द लिखने के क्रम में भी बच्चों की कमजोरी सामने आई. इन बच्चों में से 16 फीसदी बच्चे फील्ड इन्वेस्टिगेटर द्वारा बोले गए अक्षर और 24 फीसदी बच्चे शब्द नहीं लिख पाए.रीडिंग कॉर्नर, भाषा की घंटी जैसी व्यवस्थाएं साबित हो रही नाकाम
वर्तमान में बच्चों की भाषा में सुधार के लिए शिक्षा विभाग रीडिंग कॉर्नर, भाषा की घंटी जैसी कई व्यवस्थाएं कर रखी है. बावजूद यह स्थिति चिंताजनक बतायी जा रही है. निपुण बिहार के तहत पहली से तीसरी कक्षा के बच्चों में भाषा में सुधार के लिए कई व्यवस्थाएं की गई है. किंतु, भाषा की दक्षता प्राप्त करना अभी भी चुनौती बनी हुई है. जानकारी के अनुसार प्रदेश की स्थिति के अनुसार ही जिले की स्थिति पाई गई है. अर्थात जिले में भी 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे एक वाक्य भी शुद्ध- शुद्ध नहीं लिख पा रहे हैं. शब्द और अक्षर का ज्ञान भी बच्चों में नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

