Darbhanga News: सदर. राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा में मखाना प्रसंस्करण पर आयोजित छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का रविवार को समापन प्रशिक्षुओं के बीच प्रमाण पत्र वितरण के साथ हो गया. समापन समारोह में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ मनोज कुमार ने कहा कि आगामी दस वर्षों में मखान उत्पादन का क्षेत्र अभूतपूर्व रूप से विस्तारित होगा. मखान की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार द्वारा दी जाने वाली 75 फीसदी अनुदान योजना को अब 16 जिलों में लागू किया गया है. पहले यह योजना केवल 10 जिलों तक सीमित थी, किंतु अब इसमें सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, भागलपुर, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण को भी शामिल किया गया है. कहा कि बिहार सरकार इस योजना के क्रियान्वयन पर आगामी दो वर्षों में लगभग 17 करोड़ रुपये व्यय करेगी. मखान प्रसंस्करण से संबंधित आधारभूत संरचना और तकनीकी कौशल का विकास सही दिशा में किया गया तो बिहार मखान उत्पादन और निर्यात के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सशक्त पहचान बना सकेगा. वैज्ञानिक इ. राहुल कुमार राउत ने कहा कि प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को पारंपरिक एवं आधुनिक प्रसंस्करण विधियों वैज्ञानिक खेती, मूल्य संवर्धन, उत्पाद विविधीकरण, पोषण, गुणवत्ता, निर्यात की संभावनाएं तथा मखान आधारित उद्यमिता की चुनौतियों व अवसरों की जानकारी दी गयी है. वैज्ञानिक डॉ एसबी तराते ने मखान की गुणवत्ता में भूमि एवं जल प्रबंधन की भूमिका को विस्तारपूर्वक समझाया. प्रशिक्षण में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने व्याख्यानों के माध्यम से प्रतिभागियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने का प्रयास किया. समापन समारोह में अशोक कुमार, डॉ शिवानी झा, अखिलेश्वर विश्वकर्मा, अनुपम साहु, दीपक मांझी, तेजेंद्र कृष्णा, धीरज प्रकाश, आलोक कुमार सहित कई गणमान्य उपस्थित थे.
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