Darbhanga News: दरभंगा. दिन-ब-दिन और गंभीर होती जा रही शहर की सबसे बड़ी समस्या सड़क जाम से निजात मिलने की उम्मीद बढ़ी है. प्रदेश सरकार ने इसके लिए ठोस पहल की है. नगर में ट्रैफिक सिग्नल तथा सीसीटीवी लगाने की जिम्मेदारी बेलट्रॉन को दी गयी है. वहीं इस कार्य में आइआइटी रूड़की तकनीकी सहयोग करेगा. यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रमुख चौक-चौराहों पर जहां ट्रैफिक लाइट लगाए जाएंगे, वहीं निगरानी के लिए सीसीटीवी से शहर को लैस किया जाएगा. सीसीटीवी व ट्रैफिक सिग्नल की मदद से कई समस्याओं पर लगाम लग सकेगी. ट्रैफिक सिग्नल स्थापित होने से शहर की यातायात व्यवस्था सुगम होगी. नियम विरुद्ध बेतरतीब वाहन परिचालन पर नकेल कसने से लोगों को जाम की समस्या से काफी हद तक मुक्ति मिल सकेगी. नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस परियोजना को धरातल पर उतारने की योजना बनाई है. बिहार कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति भी दे दी है. उल्लेखनीय है कि प्रमंडलीय मुख्यालय दरभंगा में ट्रैफिक सिग्नल लगाये जाने की चर्चा सालों से हो रही है. नगर निगम ने इसके लिए निर्णय भी लिया था. पुलिस महकमा से इसे लेकर आवाज आती रही, किंतु आज तक इस अतिआवश्यक व्यवस्था को धरातल पर उतारने के लिए परिणामदायी पहल नहीं हो सकी. नगर विकास विभाग के फैसले के बाद अब इसके मूर्त रूप लेने की आस जगी है.
छह शहरों के लिये 487 करोड़ से अधिक की स्वीकृति
नगर विकास विभाग की इस परियोजना के तहत दरभंगा सहित छह नगर निगमों में सीसीटीवी परियोजना एवं ट्रैफिक सिग्नल प्रणाली के क्रियान्वयन के लिए 487 करोड़ पांंच लाख 81 हजार की स्वीकृति दी गई है. इस कार्य की जिम्मेवारी बेलट्रॉन को मिली है. परामर्श के लिए आइआइटी रुड़की को नामित किया गया है. इस पर परियोजना लागत राशि का 1.6 फीसद यानी सात करोड़ 79 लाख 29296 रुपये खर्च किये जाएंगे.
वाहनों के सुगम परिचालन में मिलेगी मदद
ट्रैफिक सिग्नल लगने से सुव्यवस्थित वाहनों के परिचालन में मदद मिलेगी. हाइ रिजोल्यूशन क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे लगने से आपराधिक घटनाओं की निगरानी भी की जा सकेगी. नियम के विरुद्ध लापरवाही से वाहन चलाने वालों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी. सड़क दुर्घटना व बाइक चोरी के मामलों में भी कमी आएगी. शहर से गुजरने वाली तमाम गाड़ियां प्रशासन की नजर में रहेंगी.
वन-वे तथा नो इंट्री का सख्ती से होगा अनुपालन
नित्य सड़क पर बढ़ रही गाड़ियों की संख्या के कारण बेपटरी यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए जिला प्रशासन ने पहले से ही वन-वे ट्रैफिक सिस्टम लागू कर रखा है. वहीं भारी वाहनों के लिए रात नौ बजे तक नो- इंट्री है. अब तो यात्री बसों का भी शहर में प्रवेश रोक दिया गया है, बावजूद समस्या जस की तस है. इधर, चिकित्सा का हब रहने के कारण आसपास के जिलों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल तक से रोगियों को लेकर नित्य सैकड़ों गाड़ियां शहर में पहुंचती हैं, जिसके जाम में फंस जाने पर स्थिति विकट हो जाती है. नई व्यवस्था के बहाल होने पर नित्य जाम से जूझने वाले स्कूली बच्चों को भी बड़ी राहत मिल सकेगी.
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