Darbhanga News: बेनीपुर. कॉलेज में कार्यरत व अवकाश प्राप्त शिक्षक- शिक्षकेतर कर्मी विश्वविद्यालय व महाविद्यालय की उदासीनता का फल भुगतने को विवश हैं. दशहरा जैसे पर्व पर भी महाविद्यालय के आंतरिक कोष से मिलने वाले मासिक भुगतान व पेंशन नहीं मिला है. इससे कर्मियों में आक्रोश है. विदित हो कि बहेड़ा महाविद्यालय बहेड़ा में अनियमितता का आरोप लगाते हुए विवि ने वर्तमान शासी निकाय को विघटित करते हुए तत्काल तदर्थ कमेटी का गठन कर दिया. कुछ स्थानीय लोगों ने महाविद्यालय में व्याप्त कुव्यवस्था से संबंधित शिकायत विश्वविद्यालय में की थी. विश्वविद्यालय द्वारा इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था. इसमें महाविद्यालय निरीक्षक अरुण सिंह, सोशल साइंस के डीन शहीद हसन व सीसीडीसी को शामिल किया गया था. जांच कमेटी की रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय ने तत्काल प्रभाव से पूर्व के साशी निकाय को विघटित करते हुए तदर्थ कमेटी का गठन किया. उसमें विधान परिषद सुनील चौधरी को अध्यक्ष, डीन दिलीप चौधरी को सचिव, सोशल साइंस के डीन शाहिद हसन को कमेटी सदस्य बनाया गया है. वहीं पूर्व के साशी निकाय में सचिव के रूप में शिक्षाविद प्रो. सुरेश प्रसाद सिंह अध्यक्ष के रुप में, दाता सदस्य सह भाजपा नेता रामनारायण ठाकुर शिक्षक प्रतिनिधि के रूप में, प्रो. जाकिर हुसैन खान विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के रूप में, एसएन राय थे. उस समय भी जनप्रतिनिधि सदस्य का पद रिक्त था. इसपर विश्वविद्यालय द्वारा विधान पार्षद सुनील चौधरी को जनप्रतिनिधि सदस्य के रूप में मनोनयन किया गया. हालांकि आजतक कमेटी की बैठक तक नहीं हुई. कई कर्मियों ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रभारी प्रधानाचार्य एवं पूर्व के कमेटी पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए उसे राजनीति के तहत विघटित कर दिया. इधर नये कमेटी गठन के बाद कार्यरूप में आया नहीं. इस कारण आर्थिक तंगी झेल रहे कर्मियों का पर्व भी फीका पड़ता दिख रहा है. इस संबंध में पूछने पर प्रभारी प्रधानाचार्य उमेश झा ने कहा कि नये सचिव का हस्ताक्षर बैंक में नहीं भेजे जाने के कारण इस माह का वेतन व पेंशन का भुगतान नहीं हो सका है.
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