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Darbhanga News: प्राध्यापकों की कमी झेल रहे मिथिला विश्वविद्यालय के सभी बीएड संस्थान

Darbhanga News:लनामिवि की अंगीभूत इकाइयों में संचालित पांच बीएड संस्थान (स्ववित्तपोषित) फैकल्टी मेंबर की कमी का दंश झेल रहा है.

Darbhanga News: प्रवीण कुमार चौधरी, दरभंगा. लनामिवि की अंगीभूत इकाइयों में संचालित पांच बीएड संस्थान (स्ववित्तपोषित) फैकल्टी मेंबर की कमी का दंश झेल रहा है. एनसीटीइ ने संस्थानवार छात्रों के नामांकन के लिए स्वीकृत सीट के अनुपात में फैकल्टी की उपलब्धता निर्धारित कर रखी है. ये पांच संस्थान विवि क्षेत्राधीन दरभंगा, मधुबनी एवं बेगूसराय जिले में संचालित है. बताया जाता है कि पूर्व के सत्रों में सभी संस्थान एनसीटीइ के पोर्टल पर जैसे- तैसे परफॉर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट भरता रहा है. सत्र 2021-22 एवं 2022-23 में काॅलेजों की ओर से भरे गये परफॉर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट में कमी पाये जाने पर एनसीटीइ ने सख्ती बढ़ा दी है. चालू सत्र में एनसीटीइ ने एक ओर जहां परफॉर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट नहीं भरने वाले बिहार के दो निजी बीएड काॅलेज में नामांकन पर रोक लगा दी है, वहीं गलत जानकारी, आधी-अधूरा जानकारी, तथ्यों की कमी आदि को लेकर 27 काॅलेजों से कारणपृच्छा की है. हालांकि एनसीटीइ की इस कार्रवाई के खिलाफ निजी बीएड काॅलेजों ने न्यायालय से कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने की गुहार लगायी है. एनसीटीइ के इस कदम को देखते हुए लनामिवि के अंगीभूत इकाई में संचालित बीएड संस्थानों ने फैकल्टीज की कमी दूर करने की गुहार विवि से लगायी है.

शिक्षकों की कमी दूर नहीं हुई तो अगले सत्र में नामांकन पर लग सकता ग्रहणबताया जाता है कि विवि की ओर से समेकित रूप से सभी संस्थानों के लिए अगर जल्द से जल्द फैकल्टीज की कमी दूर नहीं कर ली जाती है, तो अगले सत्र में इन संस्थानों में नामांकन पर एनसीटीइ रोक लगा सकता है. इधर, बताया जाता है कि जल्द से जल्द अगर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं कर ली गयी, तो विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो जाने से मामला फंस सकता है.

मामले को लेकर विश्वविद्यालय ने गठित की कमेटी

जानकारी के अनुसार कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने अंगीभूत इकाई में संचालित बीएड संस्थानों में कार्यरत फैकल्टीज की संख्या एवं मानक के अनुसार रिक्तियों का अवलोकन कर रिपोर्ट देने के लिए डीडीइ निदेशक प्रो. हरेकृष्ण सिंह के संयोजन में पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है. इसमें डीएसडब्ल्यू प्रो. अशोक कुमार मेहता, काॅलेज निरीक्षक विज्ञान प्रो. अरुण कुमार सिंह, कला व वाणिज्य के प्रो. विजय कुमार यादव एवं बीएड नियमित विभाग के अध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार मिलन को सदस्य के रूप में शामिल किया है. लिपिकीय कार्य के लिए कृष्ण मुरारी को अधिकृत किया गया है. सूत्रों की मानें तो जिन संस्थानों में फैकल्टीज की कमी है, वहां नियुक्ति प्रक्रिया भी इसी कमेटी को पूरी करनी है.

छात्रों की इतनी संख्या पर इतने प्राध्यापक जरूरी

जानकारी के अनुसार 50 सीट पर आठ, 100 सीट पर 16 फैकल्टीज एवं एक फैकल्टी इंचार्ज रखने का प्रावधान है. 100 सीट की स्वीकृति वाले डीडीइ के बीएड नियमित विभाग में 16 की जगह नौ, 50 सीट वाले एएनडी काॅलेज शाहपुर पटोरी में आठ के जगह दो, 100 सीट वाले डीबीकेएन काॅलेज नरहन समस्तीपुर में 16 की जगह 12, 100 सीट वाले बीएमए काॅलेज बहेड़ी में 16 की जगह 10 एवं 100 सीट वाले आरके काॅलेज मधुबनी में 16 की जगह 10 फैकल्टीज कार्यरत हैं. जानकारी के अनुसार जिन सत्रों में बीएड की पढा़ई की अनुमति एनसीटीइ से इन संस्थाओं को मिली थी, उस समय तय मानक के अनुसार फैकल्टीज की नियुक्ति की गई थी. आगे चलकर अधिकांश फैकल्टीज बेहतर करियर को लेकर वहां से निकल लिये. इस कारण शिक्षकों की संख्या काफी घट गई.

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