Darbhanga News: दरभंगा. भाई-बहन के अनूठे प्रेम का प्रतीक लोकपर्व सामा-चकेवा आरंभ हो गया. वातावरण में पारंपरिक गीतों के बोल घुलने लगे हैं. इस लोकपर्व को लेकर बहनों की खुशी छलक रही है. रात का प्रथम प्रहर शुरू होते अपने-अपने घर से डाला लेकर बहनों की टोली निकल पड़ती है. डाला में भगवती सामा एवं चकेवा की प्रतिमा के साथ चुगला, वृंदावन आदि सजा चौबटिया पर एकत्र होते ही वातावरण को गीतों के बोल मिट्टी की सोंधी खुशबू से सराबोर मिठास सरबोर करने लगते हैं. गीतों के माध्यम से भाई की समृद्धि एवं चिरायु मंगलमय जीवन की कामना के संग वनस्पति संरक्षण का संदेश देती हैं. इस दौरान ननद-भाभी की हंसी-ठिठोली से नीरव रात खिलखिला उठती है. पारंपरिक गीतों के साथ वृंदावन में आग लगने एवं भाई के द्वारा उसे बुझाने तथा दूसरों की बुराई करने वाले चुगला के सामाजिक दहन की परंपरा का निर्वहन करती इसका समापन करती हैं. बता दें कि इस लोकपर्व का समापन सामा के प्रतिमा विसर्जन के साथ हो जाएगा.
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