तीन संशोधनों के साथ होगा विज्ञापन का प्रकाशन
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अब आउटसोर्सिंग से शहर की सफाई
तीन संशोधनों के साथ होगा विज्ञापन का प्रकाशन डिप्टी मेयर सहित चार वार्ड सदस्यों ने जतायी असहमति पूर्व में ए-टू-जेड एजेंसी के कार्यों की जांच की उठायी थी मांग दरभंगा : शहरवासियों को बेहतर सफाई व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग के निर्णय पर गुरुवार को सशक्त स्थायी समिति ने स्वीकृति की मुहर […]
डिप्टी मेयर सहित चार वार्ड सदस्यों ने जतायी असहमति
पूर्व में ए-टू-जेड एजेंसी के कार्यों की जांच की उठायी थी मांग
दरभंगा : शहरवासियों को बेहतर सफाई व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग के निर्णय पर गुरुवार को सशक्त स्थायी समिति ने स्वीकृति की मुहर लगा दी. तीन संशोधनों के साथ आउटसोर्सिंग के जरिये एजेंसी को सफाई व्यवस्था सौंपने के लिये विज्ञापन प्रकाशित करने पर समिति की सहमति बनी. यानी आनेवाले दिन में शहर की सफाई का जिम्मा आउटसोर्स एजेंसी को मिलेगा.
आउटसोर्सिंग पर विचार के लिये मेयर बैजयंती देवी खेड़िया की अध्यक्षता में बुलायी गयी विशेष बैठक में डिप्टी मेयर बदरूजमां खां सहित सदस्य सुबोध विश्वकर्मा, आश किशोर प्रजापति, शिवगतुल्ला खां असहमति जताते हुये पूर्व में ए-टू-जेड एजेंसी द्वारा किये गये काम व भुगतान राशि की जांच कराने की मांग सरकार से की.
बैठक में जलसंकट, सबों के आवास योजना, अतिक्रमण, संवेदक द्वारा लापरवाही बरतने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने सहित अन्य मुद्दे सदस्यों ने उठाया. आउटसोर्सिंग पर सदन द्वारा स्वीकृति पर स्थानीय संघ के महासचिव मोख्तार अहमद खां ने कर्मचारियों के हित में निर्णय नहीं लिये जाने की बात कह पूर्व से निर्धारित चरणबद्ध आंदोलन पर कायम रहने की बात कही.
पैसा ले दबा दिया जाता है नोटिस : पार्षद शिवगतुल्लाह खां व सुबोध विश्वकर्मा ने बैठक में कहा कि शहर अतिक्रमण का मार झेल रहा है. लोगों द्वारा शिकायत पर नोटिस जारी होने के बाद पांच से हजार रुपये लेकर मामले को दबा दिया जाता है.
गया निगम को सरकार ने पुलिस बल मुहैया करा चुका है. फिर यहां क्यों नहीं. मेयर श्री मती खेड़िया ने पूर्व में भेजे गये पत्र का जिक्र करते हुये पुन: सरकार को पत्र भेजने की बात कही. पार्षद श्री खां ने शहर के कई वार्डो में संवेदकों द्वारा सड़क व नाला निर्माण पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते हुए कहा कि बीते वर्ष 2018 में कार्य पूर्ण होना था.
अबतक कार्य शुरू भी नहीं हुआ. ऐसे संवेदक पर आखिर निगम क्यों मेहरबान है. काली सूची में अबतक क्यों नहीं डाला गया. इसपर पार्षद अजय जालान, नुसरत आलम सहित अन्य सदस्यों ने भी सवाल को सही ठहराया. इसपर मेयर ने अधिकारियों से सम्मुख होते हुए प्रोसेडिंग पर अमल नहीं करने की बात कहते हुए अविलंब कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा. बैठक में निगम में सालभर से निर्माण हो रहे शौचालय का भी उदाहरण दिया गया.
एजेंसी का अनुभव रहा खराब : पार्षद अजय जालान ने आउटसोर्सिंग पर कहा कि पूर्व में ए-टू-जेड द्वारा किये गये काम व भुगतान राशि का अनुभव बुरा रहा है. कर्मचारी के हितों को ध्यान में भी रखना जरूरी है. आउटसोर्सिंग विज्ञापन में एजेंसी को हमारे यहां कार्यरत संविदा व दैनिक मजदूर को लेने तथा उन्हें वर्तमान में मिल रहे मानदेय सहित अन्य सुविधाओं को बहाल रखने तथा बैंक में कर्मियों को राशि भुगतान करने की बात जोड़ने के बाद ही प्रकाशित करने की बात कही. सदन ने इस पर अपनी सहमति दे दी.
बैठक में उप नगर आयुक्त कमलनाथ झा, नगर प्रबंधक नागमणि सिंह, नगर अभियंता रतन किशोर वर्मा, एइ सउद आलम, जेइ जितेन्द्र कुमार, स्वास्थ्य प्रभारी महेश्वर लाल दास, लेखा पदाधिकारी सुमन सहाय, राजस्व प्रभारी प्रजापति मिश्र, रवि कुमार आदि अधिकारी व पार्षद मौजूद थे.
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