दरभंगाः उत्तर बिहार पावर होल्डिंग कॉरपोरेशन की अजीबोगरीब विद्युत आपूर्ति व्यवस्था से उपभोक्ता परेशान हैं. मौसम ठंडा रहने पर बिजली की आपूर्ति 20 से 22 घंटे तक की जाती है. लेकिन ठीक इसके विपरीत जब तापमान 40 से 42 डिग्री चला जाता है तो बिजली भी उपभोक्ताओं के धैर्य की परीक्षा लेने के लिए आंखमिचौनी शुरू कर देती है. बुधवार को भी दिन भर यही स्थिति रही.
बीती रात से ही रामनगर ग्रिड को मात्र 20 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है. इस भीषण गरमी में ग्रिड को जिले में आपूर्ति के लिए 60 मेगावाट बिजली की जरूरत है. ऐसी स्थिति में मात्र एक तिहाई बिजली मिलने पर आपूर्ति व्यवस्था पर कैसा असर पड़ेगा, यह स्वत: अनुमान किया जा सकता है. आज सुबह से ही अधिकांश पावर सब स्टेशनों में तीन घंटे के बाद एक घंटा बिजली की आपूर्ति की गयी. इस अवधि में भी लो-वोल्टेज एवं बार-बार लाइन ट्रिपिंग के कारण उपभोक्ता परेशान रहे.
स्थिति यह रही कि एक घंटा बिजली मिलने के बावजूद मोटर से पानी की टंकी भी नहीं भर सका. दिन भर में चार घंटा भी अधिकांश फीडरों को बिजली नहीं मिलने से शाम होते ही अधिकांश घरों के इन्वर्टर डिसचार्ज हो गये. ऐसी स्थिति में इस उमस भरी गरमी में लोग बिजली विभाग को कोस रहे हैं. कई उपभोक्ताओं ने बताया कि जिला प्रशासन का धौंस दिखाकर बिजली विभाग के अभियंता गण जबरन राशि की वसूली करते हैं. दरभंगा जिला से करोड़ों की राजस्व वसूली के बावजूद यहां बिजली आपूर्ति के मामले में इस जिला को फिसड्डी बनाकर छोड़ दिया गया है.
इस बाबत पूछे जाने पर विद्युत अधीक्षण अभियंता सह जीएम वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि पूरे उत्तर बिहार का पावर सिस्टम डाउन होने के कारण आपूर्ति में कमी हो गयी है. उन्होंने कहा कि पटना स्थित सेंट्रल लोड डिस्पैच से बात कर आपूर्ति में वृद्धि के लिए अनुरोध किया गया है.