दरभंगा : चर्चित दोहरा इंजीनियर हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम रूपेश देव की अदालत ने सोमवार को अपना निर्णय सुना दिया. अदालत ने मामले के दस आरोपितों को भारतीय दंड संहिता एवं आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं में दोषी पाया है. इन सभी को आगामी सात मार्च को सजा सुनायी जायेगी. वहीं इस मामले में चार अन्य आरोपितों को रिहा करने का आदेश दिया है. अदालत ने आरोपित विकास झा, निकेश दूबे, मुकेश पाठक एवं अभिषेक कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 386/ 109, 387/109 व 120(बी) के तहत तथा आर्म्स एक्ट की धारा 27(2) में दोषी पाया है.
वहीं संतोष झा को भादवि की धारा 302/109, 387/109, 120 (बी) में गुनहगार पाया है.
अदालत ने संजय लाल देव, पिंटू लाल देव, मुन्नी देवी, पिंटू तिवारी एवं पिंटू झा को भादवि की धारा 302/109, 386/109, 120 (बी) में दोषी पाया है. इसी मामले में अदालत ने आरोपित ऋषि झा, सुबोध दूबे, टुन्ना झा व अंचल झा को निर्दोष पाते हुए रिहा करने का आदेश दिया है. अदालत ने दोषी अभिषेक झा, ऋषि झा, पिंटू झा, पिंटू तिवारी, पिंटू लाल देव उर्फ अजय व मुन्नी देवी का बंधपत्र खंडित करते हुए न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया है. इस मामले में एक आरोपी सुमित कुमार मिश्र उर्फ चुन्नू मिश्र की पूर्व में ही मौत हो गयी है, जबकि एक अन्य विधि विरुद्ध किशोर का मामला अलग कर दिया गया था. सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए अदालत ने सात मार्च की तिथि निर्धारित की है.
सनद रहे कि 26 दिसंबर 2015 को बहेड़ी थाना क्षेत्र के शिवराम में सड़क निर्माण कंपनी के दो अभियंताओं को दिनदहाड़े एके-47 से भून दिया था. कंस्ट्रक्शन कंपनी से अपराधियों ने रंगदारी की मांग की थी. 7.5 करोड़ की योजना में यह गैंग दस प्रतिशत रंगदारी मांग रहा था.
संतोष झा व मुकेश
रंगदारी नहीं दिये जाने के कारण इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. इसमें चड्डा एंड चड्डा कंपनी के अभिंयता मुकेश कुमार तथा ब्रजेश कुमार की मौत हो गयी थी. इसमें संतोष झा व मुकेश पाठक गैंग का नाम जांच के दौरान सामने आया. इस घटना ने पूरे पुलिस महकमा को हिला कर रख दिया था. इसके बाद पुलिसिया कार्रवाई शुरू हुई और अंतत: पुलिस तथा एसटीएफ की टीम ने पूरे गैंग को दबोच लिया, जिसमें मुकेश पाठक की गिरफ्तारी में पुलिस प्रशासन को काफी दिनों तक खाक छाननी पड़ी थी.