मधुबनी समेत उत्तर िबहार में बारिश व बाढ़ से िस्थति लगातार िबगड़ती जा रही है. सोमवार को कई नये इलाकों में पानी भर गया, चंपारण में 11 सहित उत्तर िबहार में 16 लोगों की मौत हो गयी. कई लापता हो गये. दरभंगा में तीन जगह व सीतामढ़ी में नौ जगह नदियों के तटबंध टूट गये, िजससे हजारों घरों में पानी घुस गया.
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बाढ़ का कहर. िबहार में बाढ़ से अब तक गयी 41 की जान, कोसी व गंडक नदी में उफान जारी
मधुबनी समेत उत्तर िबहार में बारिश व बाढ़ से िस्थति लगातार िबगड़ती जा रही है. सोमवार को कई नये इलाकों में पानी भर गया, चंपारण में 11 सहित उत्तर िबहार में 16 लोगों की मौत हो गयी. कई लापता हो गये. दरभंगा में तीन जगह व सीतामढ़ी में नौ जगह नदियों के तटबंध टूट गये, […]
दरभंगा/घनश्यामपुर/तारडीह : जिले में सोमवार को तीन जगहों पर कमला बलान नदी का तटबंध टूट गया है. इससे इलाके के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है. सोमवार को आधी रात बाद करीब डेढ़ बजे नदी का पश्चिमी तटबंध घनश्यामपुर में टूट गया. इससे लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गयी. उधर, तारडीह प्रखंड में विशनपुर-ककोढ़ा के बीच 57वें प्वाइंट पर देवना के पास कमला बलान का तटबंध टूट गया. इससे क्षेत्र की दर्जनभर पंचायतों में पानी घुस गया. लोगों ने ऊंचे स्थान पर पलायन शुरू कर दिया है. प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुट गया है. घनश्यामपुर, कीरतपुर व गौड़ाबौराम की नौ
तीन जगह टूटे
पंचायत पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब गयी हैं. इससे करीब सवा लाख की आबादी प्रभावित हुई है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से लोगों का पलायन हो रहा है. डीएम तथा एसएसपी ने राहत व बचाव कार्य का जायजा लिया. बाढ़ पीड़ितों की मदद में एनडीआरएफ की टीम जुट गयी है. स्थिति विकराल है. प्रशासन मुस्तैद है. बचाव कार्य जारी है.
कमला बलान के पश्चिमी तटबंध पर रविवार को आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर रिसाव शुरू हो गया था. इसे रोकने के लिए पूरा प्रशासनिक महकमा जुटा था. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह व एसएसपी सत्यवीर सिंह ने निरीक्षण कर तटबंध के बचाव को निर्देश दिया था. बावजूद रात करीब 1.30 बजे बाउर व रसियारी के बीच 72 व 73 किमी के बीच तटबंध टूट गया. इससे लोगों में अफरा-तफरी मच गयी. प्रशासन पीड़ितों के बचाव में जुटा ही था कि अहले सुबह लगभग तीन बजे 73 व 74 किमी के बीच तटबंध टूट गया. तेज रफ्तार से पानी आबादी की ओर प्रवेश करने लगा.
इससे घनश्यामपुर, लगमा, गोनौन, बुढ़ेव इनायतपुर, तुमौल, ब्रह्मपुरा-मसवारी, पुनहद के अलावा गौड़ाबौराम के आधारपुर, बलथरी आदि पंचायत पूरी तरह बाढ़ के पानी से डूब गया है. लोगों के घरों में तीन से चार फीट पानी जमा हो गया है. पानी के बढ़ने की रफ्तार जारी है. नये क्षेत्र में बाढ़ का पानी तेज गति से फैल रहा है. क्षेत्र के लोग तटबंध पर शरण ले चुके हैं. गांव में फंसे लोगों को बाहर निकालने में एनडीआरएफ की टीम के सदस्य जुटे हैं.
बाढ़ का पानी चारों तरफ फैल जाने के कारण लोग पलायन कर रहे हैं. हरिपुर तथा पनपीबी गांव में लोग फंस गये हैं. एनडीआरएफ की टीम सभी को सुरक्षित बाहर निकालने में लगी है. इधर, पानी तैरकर तथा नाव से भी लोग ऊंचे स्थल पर पलायन कर रहे हैं. मवेशियों को लेकर पशुपालकों की परेशानी बढ़ी है. किसी तरह उन्हें सुरक्षित बांध पर लाया जा रहा है.
डीएम व एसएसपी ने किया मुआयना
सोमवार की सुबह डीएम व एएसएसपी घनश्यामपुर पहुंचे. उन्होंने टूटे तटबंध का मुआयना किया. इस दौरान बोट पर सवार होकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया. इसके बाद घनश्यामपुर प्रखंड मुख्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य में किसी तरह की कोताही नहीं करने का आदेश दिया. इधर, डीडीसी विवेकानंद झा भी पहुंच चुके हैं. बिरौल एसडीओ मो. शफीक, एसडीपीओ सुरेश कुमार, डीसीएलआर आरडी राम के साथ घनश्यामपुर सीओ रंभू ठाकुर, थानाध्यक्ष शिव कुमार दास मुस्तैद हैं. डीएम खुद इसपर नजर रख रहे हैं. कंट्रोल रूम चालू कर दिया गया है.
तीन दर्जन से अधिक गांवों के घरों में तीन से चार फुट तक लगा पानी
सोते समय आया सैलाब
बांध के अंदर मधौल की रहनेवाली मछिया देवी बताती हैं िक रविवार की रात हम लोग खाना खाकर सोने गये, तब तक बाढ़ की कोई आशंका नहीं थी. पानी दो िदन पहले से बढ़ने लगा था, लेिकन परेशानी वाला नहीं लग रहा था. रात में दो बजे के आसपास अचानक घर में पानी घुस गया, तो हम लोगों को पता चला. सब लोग इधर-उधर भगाने लगे. गांव में िजन लोगों का पक्का घर है. वह छतों पर चले गये. घर का सामान भी वहां
सोते समय आया
पहुंचा िदया. हम भी अपने बच्चों के साथ मवेशी लेकर तटबंध पर आ गये. मछिया देवी बताती हैं िक हमारा फूस का घर है. हमने गांव के साथ बांध के िकनारे भी झोपड़ी बना रखी है. वह भी डूब गयी. मछिया की बेटी मवेिशयों के िलए चारा काट रही थी. बोलने लगी, िकसी को पता नहीं था िक इतनी जल्दी बाढ़ आ जायेगी.
बांध टूटते ही भाग गये सरकारी कर्मी
सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर में बागमती नदी का बांध सौ मीटर के अंदर दो जगह टूट गया है. बांध टूटने की आशंका आसपास के ग्रामीणों को पहले से थी. यही वजह है कि दो दिन पहले से ही ग्रामीण सशंकित थे. जिस जगह पर बांध टूटा. वहां सरकारी कर्मचारियों का कैंप बना हुआ था. वो वहां रह रहे थे. यह जगह भादाडीह गांव के पास की है. वहीं के डोरिक पंडित बताते हैं कि रविवार की रात 11 बजे तक हम लोग बांध पर ही थे. पानी बढ़ रहा
बांध टूटते ही
बांध टूटते ही भाग
था, तब हम लोगों ने कर्मचारियों से पूछा भी, तो उन लोगों ने कहा, डरने की बात नहीं है. बांध पूरी तरह से सुरक्षित है. डोरिक पंडित के बेटे विक्रम पंडित जो पेशे से ट्रैक्टर चालक हैं. कहते हैं कि हम लोग सोमवार की सुबह उठे और बांध पर आये थे. हमारे साथ संजय, सुबोध और लालबाबू भी थे. इमराहीपुर से भी कुछ लोग मोटरसाइकिल से आये हुये थे. सोनपुरवा के भी कुछ लोग मौके पर थे. सब लोग देखे, तो बांध से रिसाव हो रहा था. हम सब लोगों ने तय किया की रिसाव कम है, इसलिए बोरा डाला गया और सामान का इंतजार किया जाने लगा, लेकिन बोरा ज्यादा देर नही टिका, तो हम लोगों ने पास में कर्मचारियों के कैंप को उखाड़ा और उससे रिसाव रोकने की कोशिश की. इससे कुछ देर तक पानी रुका रहा, लेकिन हम लोग जब तक बांध पर ऊपर आते,
तब तक कैंप भी बह गया और बांध एकाएक टूट गया. बांध टूटते ही सरकारी कर्मचारी भाग गये, जबकि पास के गांव के लोग अपना सामान समटने और खुद को बचाने में लग गये. बच्चों मवेशियों को बचाने की कोशिश करने लगे. देखते ही देखते पानी की धार हम लोगों के घर तक पहुंच गयी. सब कुछ डूबने लगा. गांव के लोग बांध की ओर भागने लगे. पहले एक जगह पर बांध टूटा था. कुछ ही देर में दूसरी जगह भी बांध टूट गया. बांध टूटने की जानकारी मिली, तो सरकारी अधिकारियों का आना शुरू हुआ, लेकिन मदद कुछ नहीं मिली. एसडीओ आये तो गांव के लोगों को लगा कि मदद मिलेगी, लेकिन वह लौट गये. बीडीओ भी देख कर चले गये. डोरिक कहते हैं, 2004 के बाद हम लोगों को सुकून मिला था, जब यह बांध बना, लेकिन इस बार पूरी तरह से सपना चकनाचूर हो गया
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दरभंगा. सीतामढ़ी से दरभंगा आ रही सवारी गाड़ी अचानक रेल पुल पर पानी के दबाव बढ़ने की वजह से रद्द कर दी गयी. गाड़ी दरभंगा नहीं आ सकी. इसे मुरैठा स्टेशन से ही वापस सीतामढ़ी भेज दिया गया. हालांकि, अभी इस खंड पर परिचालन ठप होने की आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है, लेकिन रात में कोई दूसरी गाड़ी नहीं होने के कारण इसे फिलहाल अघोषित रूप से ठप किया गया है. 75226 सवारी गाड़ी सीतामढ़ी से समस्तीपुर के लिए चली. इसी बीच मुरैठा तथा कमतौल स्टेशन के बीच पुल नंबर 18 पर अचानक बाढ़ के पानी का दबाव बढ़ जाने के कारण ट्रेन को मुरैठा स्टेशन पर ही रोक देना पडा. गाडी दरभंगा में रद्द घोषित कर दी गयी.
सूत्र बताते हैं कि इस सवारी गाड़ी को मुरैठा स्टेशन से ही वापस सीतामढ़ी भेजा जा रहा है. इधर पीडब्ल्यूआई पुल ल पटरी की जांच के लिए भेज दिया गया है.
राहत व बचाव कार्य
युद्ध स्तर पर जारी
पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पूर्णिया प्रमंडल के बाढ़ग्रस्त चारों जिलों पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बाढ़ से हुई तबाही को देखा. हवाई सर्वेक्षण से लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर में पत्रकारों से मुख्यमंत्री ने कहा कि जो इलाके बाढ़ से पीड़ित हैं, वहां राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. रविवार से ही इन इलाकों में राहत व बचाव के लिए
कहा-राहत व
सारे काम युद्ध स्तर पर किये जा रहे हैं. जो कुछ भी राहत के लिए जरूरी है, वे सारे काम किये जायेंगे. वायुसेना के हेलीकॉप्टर से फूड पैकेट गिराये जा रहे हैं. हमने जो पूरी स्थिति देखी है, उससे लगता है कि नेपाल और उससे जुड़े बिहार के इलाके में भारी बारिश हुई है. उन्होंने कहा कि पानी का प्रवाह, खासकर महानंदा नदी, कनकई नदी में बहुत तेज था. गांवों में भी पानी घुसा है. सड़कें भी नष्ट हुई हैं. इससे ऐसा लगता है कि फ्लैश फ्लड के बाद जो नुकसान होता है, उसी तरह का नुकसान देखने को मिला है. सीएम ने कहा कि फ्लैश फ्लड में अचानक तेज गति से और ज्यादा पानी का बहाव हुआ, वह सड़कों को भी तोड़ता है, पुलों को भी नुकसान पहुंचाता है. हमने आज देखा है कि काफी सड़कें टूटी हैं. पुलों पर भी कई जगह असर देखा है. जो फोर लेन सड़क है, वहां भी महानंदा नदी के ऊपर पुल में भी प्रिकॉशन के तौर पर ट्रैफिक को रोकना पड़ा है. सीएम ने कहा कि चंपारण और सीतामढ़ी में सेना की तैनाती की जायेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हवाई सर्वेक्षण के बाद आपदा प्रबंधन मंत्री सह पूर्णिया जिले के प्रभारी मंत्री दिनेश चंद्र यादव, पूर्णिया के आयुक्त, प्रभारी सचिव का भी हवाई सर्वेक्षण करवाया है. मंगलवार को आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव, ग्रामीण कार्य के सचिव को भेज रहे हैं कि वे पूरे तौर पर देख लें कि कितना नुकसान हुआ है और किस तरह से काम करना है. सीएम ने कहा कि हमने यह भी निर्देश दिया है कि कल सभी डीएम को भी हवाई सर्वेक्षण करा कर पूरी स्थिति को उन्हें दिखा देना चाहिए, क्योंकि फील्ड में उनको काम करना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सारे काम होंगे. रिलिफ कैंप भी चलेंगे और कई जगहों पर जहां लोग रिलिफ कैंप में रहना पसंद नहीं करते हैं, उनके लिए भोजन का इंतजाम भी किया जायेगा. बाढ़ का पानी कटिहार में फैल सकता है, उसके लिए भी सब चीजों का आकलन करके तैयारी हो रही है. युद्ध स्तर पर रिलीफ का काम चला रहे हैं.
सीएम ने कहा कि हमने पूर्णिया में आपदा प्रबंधन मंत्री, प्रभारी सचिव, आयुक्त के साथ चर्चा की है. ऐसा लगता होता है कि जो पानी गांव में घुसा है, उसे निकलने में थोड़ा वक्त लगेगा. इसके लिए रिलीफ की पूरी तैयारी की है. जो भी नुकसान हुआ है, उसके लिए भी भरपाई की पूरी कोशिश करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा अररिया और किशनगंज का बड़ा हिस्सा, पूर्णिया के तीन ब्लॉक और कटिहार का एक ब्लॉक अब तक बाढ़ से पीड़ित है. लेकिन, सबसे ज्यादा पीड़ित अररिया शहर, फारबिसगंज और किशनगंज शहर है. अनेक गांवों में भी पानी घुसा है. इसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है कि अररिया और किशनगंज में चारों तरफ पानी फैल सकता है. कभी लोगों का अनुभव इस प्रकार का नहीं रहा है.
केंद्र को धन्यवाद
मुख्यमंत्री ने सहायता के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा, कल ही केंद्र सरकार से एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें भेजने का आग्रह किया था. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व रक्षा मंत्री से बात की थी. हम केंद्र काे धन्यवाद देता हूं कि जो भी हमने आग्रह किया था, वह बहुत जल्द ही सहायता मिल गयी. एनडीआरएफ की चार टीमें पहुंच गयीं. सोमवार को भी एनडीआरएफ की टीमें पहुंची हैं. सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण में भी बाढ़ की स्थिति है, वहां भी एनडीआरएफ की टीम डिस्पैच की जा रही है. एसडीआरएफ व एनडीआरएफ टीम को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण से लौटने के तुरंत बाद 1, अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और पथ, आपदा प्रबंधन एवं ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये.
पटना / भागलपुर / नयी िदल्ली. उत्तर बिहार और कोसी-सीमांचल के जिलों में बाढ़ का कहर जारी है. नेपाल में हो रही मूसलधार बारिश और बराजों से छोड़े गये पानी की वजह से कोसी व गंडक में उफान जारी है. सीतामढ़ी, दरभंगा व कटिहार में कई जगहों पर तटबंध टूटने से लाखों की आबादी बाढ़ से घिर गयी है. आपदा प्रबंधन िवभाग के अनुसार बाढ़ से अब तक 41 लोगों की मौत हुई है. कटिहार-एनजेपी रेल खंड
प्रदेश में लाखों
के तेलता ब्रिज संख्या 133 महानंदा की बाढ़ में बह गया. इसके कारण पूर्व मध्य से पूर्वोतर के एनजेपी व असम जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी गयी हैं. हालांकि, सेना और एनडीआरएफ की टीमों की मदद से राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है. वायुसेना के हेलीकॉप्टर से फूड पैकेट गिराये जा रहे हैं. अररिया में बाढ़ की स्थिति यथावत है. जोगबनी में बाढ़ में बहे पांच लोगों के शव सोमवार को मिले. मधुबनी और सहरसा में ओवरलोड होने के कारण नाव पलट गयी. हालांकि िकसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
गोपालगंज के 38 गांवों में घुसा पानी : बाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में 5.24 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गोपालगंज जिले के पांच प्रखंडों के
बाढ़ से अब तक…
38 गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. आने जाने के रास्तों पर नदी का पानी बह रहा है. सदर प्रखंड के मेहदिया में 40 घर नदी में विलीन हो गये हैं. नदी के निशाने पर जगीरीटोला, ख्वाजेपुर गांव आ गया है. सलेमपुर छरकी पर पानी के ओवरफ्लो करने की स्थिति है, तो प्यारेपुर में बिंद टोली के पास तेजी से कटाव हो रहा है. बाढ़ से लगभग 60 हजार की आबादी घिर चुकी है.
कटिहार जिले में चार अलग-अलग जगहों पर महानंदा नदी का बांध कटने से पांच प्रखंड कदवा, आजमनगर, बारसोई, बलरामपुर और प्राणपुर में जान-माल की भारी तबाही है. सैकड़ों घर पानी की तेज बहाव में बह गये व सैकड़ों लोग अब भी फंसे हुए हैं. सुपौल के मरौना प्रखंड क्षेत्र क्षेत्र की 13 पंचायतों बाढ़ का पानी फैला. एनएच 327 ई पथ पर पुल धंस गया है.
सहरसा के सिमरी में बाढ़ के पानी में डूबने से दो बच्चों की मौत. सोनवर्षाराज की देहद पंचायत अंन्तगत मोहनपुर गांव के वार्ड नंबर 12 में पांच वर्षीय बच्ची की पानी में डूबने से मौत हो गयी.
मधेपुरा की बड़गांव पंचायत के चकसनोटी में अभिनंदन कुमार (10) की मौत डूबने से हो गयी. वहीं गंगापुर निवासी गणेशी ठाकुर की मौत सोनामुखी जाने वाली सड़क पर पानी की तेज बहाव के चपेट में आने से हो गयी. नगर परिषद के वार्ड नंबर 14 निवासी निखिल कुमार (24) की मौत गहरे पानी में डूबने से हो गयी. पूर्वी चंपारण में छह लोगों की मौत हो गयी. ढाका-मोतिहारी पथ पर आवागमन पूरी तरह से ठप है, जबकि ढाका-बेलवाघाट शिवहर पथ पर बह रहा चार फुट पानी बह रहा है. प चंपारण में गंडक बराज से छूटा 5.11 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से दियारावर्ती इलाकों के सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है. गन्ना उद्योग मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज आलम सिकटा में कैंप कर रहे हैं. जिला मुख्यालय से सिकटा, नरकटियागंज, रामनगर, बगहा, वाल्मीकिनगर, लौरिया का सड़क संपर्क भंग हो चुका है.
सीतामढ़ी में बागमती, लखनदेई व अधवारा समेत सात तटबंध टूट गये. इससे इलाके में कोहराम मच गया, दो लोग बहे गये. बैरगनिया में राहत सामग्री बांटने गये समाजसेवी की मौत, जबकि बेला थाने के लक्ष्मीपुर गांव में बाढ़ के पानी में डूब कर अधेड़ की मौत हो गयी. सीतामढ़ी-रीगा-सुप्पी-बैरगनिया पथ पर 10 फुट पानी बह रहा है. बेलसंड में कई स्थानों पर बागमती नदी के तटबंध में रिसाव हो रहा है. बैरगनिया रेलवे स्टेशन के आउटर सिग्नल के पास रेलवे ट्रैक बहा, ट्रेन परिचालन बाधित है. सीतामढ़ी शहर में लखनदेई नदी का पानी घुस गया है.
मधुबनी में भूतही बलान, कोसी, कमला सहित सभी नदियां खतरे निशान से ऊपर हैं. तीन हजार से अधिक लोग तटबंध पर आश्रय लिये हुए हैं. जोगिया में सड़क टूटने से जयनगर-लदनियां सड़क मार्ग बंद है. दरभंगा के घनश्यामपुर में दो जगह कमला बलान का तटबंध सोमवार को टूट गया, जिससे तीन दर्जन गांवों में पानी घुस गया है.
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