दरभंगा : शाम के सात बजे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के त्याग पत्र की खबर फैल चुकी है. चौक-चौराहों पर इसकी चर्चा जोर-शोर से हो रही है. प्रत्येक जुबान पर इसी मुद्दे की बात है, लेकिन राजीनितिक दलों के कार्यालयों में इसका कोई असर नहीं है. प्रमुख दलों का कार्यालय लहेरियासराय में ही है. प्राय: सभी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है.
जदयू के जिला कार्यालय बाकरगंज दारूभट्ठी चौक पर सन्नाटा पसरा हुआ है. कोई नजर नहीं आ रहा. वहीं राजद कार्यालय तो ताला लटका नजर आ रहा है. बलभद्रपुर स्थित कांग्रेस तथा सैदनगर के निकट भाजपा कार्यालय में भी कोई चहल-पहल नजर नहीं आ रही. एक तरफ प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है, लेकिन उंची राजनीतिक हस्तेक्षेप रखनेवाले इस जिला के किसी भी पार्टी दफ्तर में कोई हल-चल नहीं है.
नीतीश ने भ्रष्टाचारियों का साथ छोड़ा: सरावगी
भाजपा के नगर विधायक संजय सरावगी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कदम स्वागत योग्य है. लालू का पूरा परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त है. लालू प्रसाद ने खुद के साथ अपने दोनों बेटों को भी इसमें शामिल कर बर्बाद कर दिया. कांग्रेस तो पहले से ही भ्रष्टाचार की जननी है. यह कदम उठाकर नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचारियों का साथ छोड़ा है.
सीएम ने तोड़ी बेमेल जोड़ी : गोपालजी
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक गोपालजी ठाकुर ने सीएम के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि आखिरकार मुख्यमंत्री इस बेमेल गठबंधन से अलग हो ही गये. इस महागठबंधन की वजह से उनकी अपनी छवि भी खराब हो रही थी. वे लगातार राजद सुप्रीमो के पुत्र से इस्तीफा देने की बात कह रहे थे, लेकिन उन लोगों ने ऐसा नहीं किया तो सीएम खुद अलग हो गये.
अवसरवादी नेता हैं नीतीश : रामनरेश
राजद के जिला अध्यक्ष रामनरेश यादव ने कहा कि महागठबंधन जिस उद्देश्य बनाया गया था, उसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरा नहीं होने दिया. उसके खिलाफ चले गए. बीच में ही गठबंधन तोड़कर अपने अवसरवादी नेता की छवि का प्रमाण दिया है. जनता सब देख रही है. आनेवाले समय में अपना मूल्यांकन कर जवाब देगी.