बेतिया : सिविल कोर्ट परिसर में 11 मई को गोली मार कर आर्मी लिबरेशन फ्रंट के सरगना बबलू दूबे की हत्या मोतिहारी जेल से फरार शातिर कुणाल सिंह ने अपने आठ सहयोगियों के साथ मिल कर की थी. इनमें रिमांड होम से फरार दो नाबालिग के साथ रिपू सूदन, मनीष सिंह, सिगरेट, विकास सिंह व संजय सिंह शामिल थे
. इन अपराधियों को अपने घर ठहरा कर हत्या में सहयोग बेतिया के परबतिया टोले के विजय यादव व इसके भतीजे नीरज यादव ने की थी. मामले के खुलासे का दावा करते हुए पुलिस ने रिमांड होम के एक नाबालिग समेत विजय व नीरज यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. हालांकि मुख्य साजिशकर्ता कुणाल सिंह समेत पांच अपराधी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
एसपी विनय कुमार ने बताया कि घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों एवं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस अनुसंधान कर रही थी. इसी कड़ी में यह बात सामने आयी कि मोतिहारी रिमांड होम से फरार होकर एक नाबालिग
रिमांड होम सेभी
इस हत्याकांड में शामिल था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, तो पुलिस को उसने सबकुछ सच सच बता दिया. उसी की निशानदेही पर पुलिस ने बेतिया मुफस्सिल थाने के परबतिया टोला निवासी विजय यादव एवं उसके भतीजे नीरज यादव को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार विजय ने पुलिस को दिये गये स्वीकारोक्ति बयान में घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी दी है. एसपी ने बताया कि इस हत्याकांड को वर्चस्व के उद्देश्य से अंजाम दिया गया है.
मोतिहारी जेल में रची गयी थी साजिश
हत्याकांड की साजिश मोतिहारी जेल से ही रची गयी थी. इसमें पुलिस हिरासत से फरार कुणाल सिंह एवं राहुल सिंह की भी संलिप्तता है. हत्याकांड में छोटाई सिंह, राहुल सिंह, विकास सिंह, कुणाल सिंह, मनीष सिंह, संजय सिंह सिगरेट व रिपुसूदन शामिल थे. वहीं परबतिया टोले के विजय व उसके परिजनों ने अपराधियों को अपने यहां संरक्षण देने का काम किया है. तीनों को गिरफ्तार किया गया है. एसपी ने बताया कि हत्या में शामिल रिमांड होम से फरार फेनहारा थाने के पिपरा निवासी नाबालिग को मेडिकल बोर्ड बैठा कर उम्र का सत्यापन किया जायेगा.
कैदी वाहन से उतरते ही हत्या की थी योजना
घटना की तिथि को सभी अपराधी अलग-अलग ठिकानों पर थे. इनकी योजना जेल से आये वाहन से उतरने के समय ही हत्या करने की थी. लेकिन, मौका नहीं मिला. फिर ये लोग अलग-अलग जगहों पर चले गये. बबलू के कोर्ट में पेशी के बाद सीढ़ी से उतरने के बाद एक किनारे मौजूद रिमांड होम का फरार नाबालिग कुड़वा चैनपुर निवासी ने पहली गोली मारी. इसी दौरान दूसरे नाबालिग ने भी अंत में दो गोलियां मारीं. घटना के पूर्व रिमांड होम से दो फरार हो गये और घटना के बाद फिर रिमांड होम में पहुंच गये. बाद में अपनी हत्या की आशंका को देखते हुए पुन: रिमांड होम से फरार हो गये.