बेतिया : बिहार में मद्य निषेध विषय पर मंगलवार को एम जे के कालेज में वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गयी. कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डा़ॅ रामप्रताप नीरज ने किया. उन्होंने कहा कि नशा वास्तविक जीवन से पलायन करने की मनोवृति होती है. नशे की स्थिति में इंसान अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों को भूल जाता है. इसलिए हमें नशापान से बचनें की जरुरत है डा़ ओ पी गुप्ता ने कहा कि वैसे तो अल्कोहल का हमारे जीवन में काफी महत्व है
और हम विभिन्न दवाओं औषधियों के माध्यम से इसका सेवन भी करते है. लेकिन इसका सीधा सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हीं हानिकारक है. डब्ल्यू एचओ के एक सर्वे के अनुसार बिहार का 11 प्रतिशत आदमी शराब के सेवन से प्रभावित रहा है. डा़ शशिकांत शुक्ला ने मद्य पान को सभ्य समाज के कलंक बताते हुए कहा कि इसका सेवन आर्थिक, मानसिक व शारीरिक तीनों की प्रकार से क्षति पहुंचाता है. वहीं डा़ आर के चौधरी ने कहा कि नशे के प्रभाव में में आया व्यक्ति संवेदना व भावनाओं के साथ अपनी समझ बुझ भीखो देता है जो परिवार व समाज दोनो के लिए घातक है।
उन्होंने मद्य पान पर राज्यसरकार के फैसले की सराहना की। तथा इसे समाज के हीत में उठाया गया कदम बताया. कार्यक्रम के दौरान काॅलेज के बीस प्रतिभागियों ने मद्य निषेध पर अपने विचार बेबाकी से व्यक्त किये. अधिकांश प्रतिभागियों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया. खासकर छात्राओं ने शराबबंदी से महिलाओं की स्थिति में सुधार पर फोकस किया. कार्यक्रम का संचालन प्रो़ पी के चक्रवर्ती ने किया. मौके पर प्रो. आरबी दूबे, डा़ॅ फैयाज अहमद, प्रो़ टी एच अंसारी प्रो़ भामती पाण्डेय, डा़ सुरेन्द्र राय,प्रो़ बीके वर्मा, डा़ शैलकुमारी वर्मा, नेहाचौधरी, नंदिता झा, आंनद कुमार, प्रिया कुमारी, प्रियंका कुमारी आदि मौजूद रहे.