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बाइक सवार हमलावरों ने चलायी गोली एसएफसी प्रबंधक, डीपीओ समेत कई का वेतन रुका बेतिया : डीएम लोकेश सिंह के कई बार निर्देश देने के बाद भी उच्च न्यायालय के वादों में रूचि नहीं लेने वाले अफसरों पर गाज गिरी है़ डीएम ने एसएफसी के जिला प्रबंधक, आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समेत छह अंचलों […]

बाइक सवार हमलावरों ने चलायी गोली

एसएफसी प्रबंधक, डीपीओ समेत कई का वेतन रुका
बेतिया : डीएम लोकेश सिंह के कई बार निर्देश देने के बाद भी उच्च न्यायालय के वादों में रूचि नहीं लेने वाले अफसरों पर गाज गिरी है़ डीएम ने एसएफसी के जिला प्रबंधक, आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समेत छह अंचलों के अंचलाधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी है़
हिदायत दी है कि उच्च न्यायालय के वादों को अधिकारी प्राथमिकता में लाकर एसओएफ दायर करें, नहीं तो विभागीय कार्रवाई की जायेगी़ गुरुवार को विकास भवन सभागार में हुई समीक्षा बैठक में डीएम ने कहा कि जिन विभागों में पांच या पांच से अधिक वाद हाईकोर्ट में लंबित है, उनके वेतन पर रोक लगेगी़ समीक्षा में पाया गया कि राज्य खाद्य निगम बेतिया में सात , आइसीडीएस कार्यालय में छह, अंचल बेतिया में नौ , चनपटिया में छह, नरकटियागंज में आठ , बैरिया में छह
, गौनाहा में नौ , बगहा-दो में छह वादों में एसओएफ दायर नहीं हुआ है. लिहाजा इन विभागों के पदाधिकारी का वेतन डीएम ने रोक दिया गया है़ डीएम ने कहा कि उच्च न्यायालय जिला अवस्थित सरकार के विभिन्न विभागों के खिलाफ रिट याचिका दायर किये गये है.
इस संबंध में संबंधित विभागों के द्वारा एसओएफ (स्टेटमेंट ऑफ फैक्ट्स) न्यायालय में दाखिल करना अनिवार्य होता है. सीडब्लूजेसी/एमजेसी वादों की समीक्षा में पाया गया कि अभी 170 वादों में एसओएफ दाखिल किया जाना बाकी है. जिसमें 156 सीडब्लूजेसी के एवं 14 एमजेसी के मामले शामिल है. जिलाधिकारी द्वारा इसे अत्यंत गंभीरता से लिया गया और सभी सीडब्लूजेसी/एमजेसी वाद में एसओएफ दायर कर ओथ नंबर विधि शाखा को उपलब्ध कराने का सख्त निर्देश दिया गया है.
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय एवं लोकायुक्त्त में चल रहे वादों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर पूर्ण तत्परतापूर्वक समय पर प्रतिषपथ पत्र दायर करना सुनिशचित किया जाय. खासकर सेवांत लाभों से संबंधित मामलों का तुरंत निपटारा किया जाय.
सेवानिवृत कर्मियों को समय पर सेवांत लाभ नहीं मिलने पर उन्हें न्यायालय की शरण में जाना पड़ता है. यह अत्यंत खेदजनक है. समीक्षा में पाया गया जिला में कुल 31 मामले लोकायुक्त्त कार्यालय में चल रहे है. जिला सहकारिता कार्यालय से संबंधित वाद लोकायुक्त्त कार्यालय में चल रहे हैं लेकिन बैठक में जिला सहकारिता पदाधिकारी के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के चलते उन्हें प्रपत्र-क में आरोप गठित कर स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया है.
उच्च न्यायालय में चल रहे वादों के निष्पादन में लापरवाही बरतने पर सख्त हुए डीएम, की कार्रवाई
पांच या उससे अधिक लंबित वाद वाले विभागों के प्रभारी आये कार्रवाई के जद में, लगी फटकार

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