बेतिया : जीएमसीएच का दो दिवसीय निरीक्षण करने पहुंची एमसीआइ की टीम ने शुक्रवार को ओपीडी सहित इमरजेंसी विभाग के अभिलेखों की गहन जांच की. सर्व प्रथम टीम लगभग 10.45 बजे ओपीडी में गयी. जहां सर्जरी विभाग,
मेडिसिन विभाग, अल्ट्रासाउंड, शिशु रोग विभाग, आर्थोविभाग एक्स-रे लैब, स्त्री रोग विभाग, इएनटी विभाग, दंत रोग विभाग, चर्मरोग विभाग, नेत्र रोग विभाग, फिर्जियोथरोपी विभाग,
मनोरोग विभाग के अभिलेखों एवं एवं एक माह पूर्व से प्रतिदिन रोगियों की संख्या एवं रोगियाें के इलाज हेतु सामग्री की गहन जांच की. वहीं अस्पताल की साफ-सफाई पर अपनी संतुष्टि जाहिर की.
दुरुस्त करिए व्यवस्था
मझौलिया : स्थानीय पीएचसी मे शुक्रवार को एमसीआइ की तीन सदस्यी टीम ने औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण में कई स्तर पर व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश दिये. बाल जननी सुरक्षा के तहत मातृत्व लाभ मे लाभार्थी का रजिस्टर में अधिकतर बिना फोटो का राशि का भुगतान करने तथा ओपीडी में रोस्टर के अनुरूप चिकित्सकों की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर करते हुए
पीएचसी प्रभारी डाॅ डीएन ठाकुर, स्वास्थ्य प्रबंधक विशाल कुमार को सुधार करने की चेतावनी दी. हालांकि निरीक्षण मे इसकी खबर मिलते ही अस्पताल की व्यवस्था बदली-बदली सी थी. जो उपस्थित लोगों मे चर्चा का विषय बना हुआ था.
इसके बाद महिला प्रसव कक्ष, प्रतिरक्षण कक्ष, इंडोर, आउट डोर, दवा स्टॉक, प्रभारी चिकित्सक कक्ष आदि कक्षों का गहन निरीक्षण किये. जिसे संतुष्ट दिखे. प्रतिरक्षण कक्ष में मेडिसिन एवं अन्य उपकरणों के बारे में पीएचसी कर्मियों को टीम की सदस्य ने जानकारी दी.
वहीं मेडिकल कॉलेज की अनिवार्यता दर्शायी. आठ अक्टूबर से एचआइबी का कीट नहीं हाेने पर नाराजगी जाहिर की. निरीक्षण में एमसीआई टीम के आंध्र प्रदेश के डा. अल्फावी पीतेज , बेतिया मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक डा. पंकज कुमार, पीएचसी कमी जयनारायण प्रसाद, राम कुमार समेत पीएचसी कर्मी उपस्थित थे. वहीं लोगों में इस बात की चर्चा थी कि पहले कभी भी पीएचसी में बेडों पर चादर, साफ-सफाई तथा कर्मी पोशाक में नहीं दिखते थे. जो आज दिखायी दे रहे हैं.