बेतिया : वेतनवृद्धि समेत अन्य मांगों को लेकर यूनाइटेड फोरम ऑफ इंडिया के आह्वान पर शुक्रवार से जिले के विभिन्न बैंकों के कर्मी दो दिवसीय हड़ताल पर चले गये. इससे बैंकों में पूरे दिन ताला लटका रहा. हड़ताली कर्मियों ने बैंकों के सामने विरोध प्रदर्शन किया और सरकारी नीतियों के विरोध में नारेबाजी की.
बैंकों में ताले लटके रहने से कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ. बाजार में भी इसका असर दिखा. स्टेट बैंक की एडीबी शाखा के सामने हड़ताली कर्मियों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली.
सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए हड़ताली कर्मचारियों ने सरकार से वेतन पुनरीक्षण, पांच दिवसीय बैंकिंग, विशेष भत्ता का मूल वेतन में समाहरण, न्यू पेंशन योजना की समाप्ति, पेंशन में बढ़ोत्तरी, पारिवारिक पेंशन में सुधार समेत अन्य मांगे दोहरायी. इस हड़ताल के पहले दिन शुक्रवार राष्ट्रीयकृत बैंकों में कामकाज ठप रहे. हड़ताल के कारण लोगों को भारी परेशानी हुई. एक तरफ बैंक बंद रहे वही दूसरी तरफ एटीएम पर लंबी कतारों में लोग पैसे के लिए धक्के खाते रहे.
स्टेट बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन जोनल सहायक महासचिव ओमप्रकाश मिश्र ने बताया कि 2017 में ही बैंक कर्मियों के वेतन एवं अन्य बिन्दुओं पर द्विपक्षीय वार्ता होने के बाद भी इसे आजतक लागू नहीं किया गया. इसके विरोध में अब हड़ताल का रास्ता चुना गया है. प्रदर्शन में विकास कुमार, रवि तिवारी, सुभाष कुमार सिंह, सुनील कुमार, रवि केशरी, संदीप कुमार, बीके विश्वकर्मा, जितेंद्र प्रसाद, दीपक साह, विनय कुमार, बलवंती रीता टिग्गा, अरविंद चौधरी समेत अन्य ने भी सरकार की नीतियों को गलत बताते हुए विरोध प्रकट किया.
एटीएम पर बढ़ा बोझ, ज्यादातर हुईं कैशलेस : बैंकों में दो दिन हड़ताल व रविवार को छुट्टी को लेकर एटीएम पर बोझ बढ़ गया है. हालांकि पहले दिन ही ज्यादातर एटीएम कैशलेस हो गईं. कुछ एटीएम में पैसे थे, तो वहां लंबी कतारें लगी रही. जबकि कुछ एटीएम में या तो शटर गिरे रहे या फिर सर्वर ठप रहा. ऐसे में लोगों को अब नगदी के लिए परेशानी होना तय है. खासकर व्यवसाय इससे प्रभावित होता दिख रहा है.
एक अरब का व्यवसाय प्रभावित होने का दावा : यूनियन के ओमप्रकाश मिश्र ने बैंकों की हड़ताल की वजह से जिले में पहले दिन एक अरब के कारोबार के प्रभावित होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि इस हड़ताल में सभी नेशनलाइज्ड बैंक के कर्मचारी व अधिकारी शामिल रहे.
खुले रहे ग्रामीण बैंक : उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की शाखाएं खुली रहीं. हालांकि कुछ संगठनों के हड़ताल पर जाने के कारण इस बैंक में भी कर्मचारियों की उपस्थिति बैंकों में कम ही दिखी.