बेतिया : शहर में नोटों का अवैध कारोबार में जुटी कमेटियों के कारनामों का रोज हो रहे नये खुलासे व पुलिसिया जांच शुरू होने से हड़कंप की स्थिति है. खबर है कि कई कमेटियों के सदस्यों को आनन-फानन में पैसों का बंटवारा कर भंग कर दिया गया है तो ज्यादातर कमेटियों के बैठने की तारीखें […]
बेतिया : शहर में नोटों का अवैध कारोबार में जुटी कमेटियों के कारनामों का रोज हो रहे नये खुलासे व पुलिसिया जांच शुरू होने से हड़कंप की स्थिति है. खबर है कि कई कमेटियों के सदस्यों को आनन-फानन में पैसों का बंटवारा कर भंग कर दिया गया है तो ज्यादातर कमेटियों के बैठने की तारीखें ही टाल दी गई हैं.
उच्चाधिकारियों तक सोर्स व पैरवी लगाई जा रही है. इसी बीच यह खबर भी लगी है कि शहर के 15 कमेटी संचालकों के खिलाफ प्रशासन में शिकायत भी पहुंची है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन कमेटियों के गोरखधंधे के खुलासे के बाद से संचालकों की बेचैनी बढ़ी हुई है.
जानकारों की माने तो शहर में कमेटी का यह गोरखधंधा आज से नहीं बल्कि एक दशक से चल रहा है. लाख से लेकर कई करोड़ तक के ब्लैक मार्केट की कमाई के नकदी पैसे इसमें लगाये जाते हैं और धंधा परवान पर चलता रहा है. यह हाल तब है जब ब्लैकमनी पर कड़े कानून बनाये जा चुके हैं. निर्धारित राशि से ज्यादा नगदी के लेन-देन पर रोक लगा दी गई है.
बावजूद इन कमेटियों में करोड़ों के कैश टर्न ओवर में हैं. कमेटी से जुड़े लोगों की माने तो साल 2016 में हुए नोटबंदी के बाद एक तरफ जहां नगदी का संकट उत्पन्न हो गई थी, उस समय भी कमेटियों पर कोई खास असर नहीं पड़ा. कमेटियों में ऊंची पहुंच के लोगों व बैंकर्स सदस्यों की मौजूदगी में इसे आसान बना दिया. करोड़ों की रकम खपा दी गई और नये नोट कमेटियों में चलन में आ गये.
कई पुलिस पदाधिकारी भी कमेटी में हैं शामिल! : विश्वस्त सूत्रों की माने तो शहर में संचालित करीब एक दर्जन कमेटियों में पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी शामिल हैं. भ्रष्टाचार से आयी रकम को खपाने के लिए वें कमेटी में शामिल और उस रकम को कमेटी में लगाते हैं.