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वर्षों पूर्व लगा शिलापट्ट योजना अब तक अधूरी

उदासीनता. शहरी विकास व जिप की कई योजनाएं पूरी नहीं मोतिहारी : अधूरी विकास योजनाओं की जिला में लंबी फेहरिस्त है. इनमें शहरी विकास से लेकर जिला परिषद की ऐसी तमाम कई योजनाएं हैं जिसकी आधारशिला रखी तो गयी. लेकिन वर्षों बाद भी योजनाएं अबतक पूरी नहीं हो सकी है. मोतिहारी नगरपालिका क्षेत्र में वेडिंग […]

उदासीनता. शहरी विकास व जिप की कई योजनाएं पूरी नहीं

मोतिहारी : अधूरी विकास योजनाओं की जिला में लंबी फेहरिस्त है. इनमें शहरी विकास से लेकर जिला परिषद की ऐसी तमाम कई योजनाएं हैं जिसकी आधारशिला रखी तो गयी. लेकिन वर्षों बाद भी योजनाएं अबतक पूरी नहीं हो सकी है. मोतिहारी नगरपालिका क्षेत्र में वेडिंग जोन निर्माण उन अधूरी योजनाओं की एक प्रतिमूर्ति है. नगर भवन के सामने वेडिंग जोन निर्माण का स्थापित शिलापट्ट इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है. इसकी आधारशिला नगर विकास एवं आवास विभाग के तत्कालीन मंत्री प्रेम कुमार ने रखी थी. तत्कालीन मंत्री उन दिनों जिला के प्रभारी मंत्री भी थे. वर्ष 2012 में जनवरी माह में मंत्री जी ने वेडिंग जोन का शिलान्यास किया.
आधारशिला की तारीख भी बखूबी याद है 26 जनवरी के मौके पर पधारे जिला प्रभारी मंत्री ने गणतंत्र दिवस के अगले ही दिन सुबह-सुबह वेडिंग जोन की नींव रखी. योजना प्राक्कलन प्रावधान के मुताबिक भव्य शिलापट्ट लगायी गयी. आरसीसी निर्माण के बीच ग्रेनाइट का लम्बा-चौड़ा शिलापट्ट लगाया गया है. शिलापट्ट पर नींव की तारीख सहित मंत्रीजी के आलावा नप मुख्य पार्षद एवं उपमुख्य पार्षद तक के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं. इसके साथ ही निर्माण राशि आवंटित करनेवाली सरकारी एजेंसी स्पर तक के नाम शिलापट्ट पर अंकित हैं. आलम यह है कि आज भी वेडिंग जोन निर्माण की बाट जोह रहा है.
मोतिहारी ़ जिला परिषद की दर्जनों योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पायी हैं. इन वर्षों पुरानी अपूर्ण योजनाओं को जिला परिषद प्रशासन ने निरस्त कर दिया है. मामले में करीब दो दर्जन योजनाओं की एडवांस राशि कनीय अभियंताओं से वसूल की गयी है. इसकी प्रशासनिक स्वीकृति के बाद भी निर्माण शुरू नहीं करायी गयी थी. इनमें कई योजनाएं वर्ष 2010 एवं 12-13 से अपूर्ण चल रहा था. मामला विकास कार्य योजना की समीक्षा के दौरान सामने आयी. जिसपर संज्ञान लेते हुए जिप अध्यक्ष प्रियंका जायसवाल ने संबंधित जेइ को योजना में ली गयी एडवांस राशि को तय समय के भीतर वापस करने का निर्देश दिया. विभागीय जानकारों की माने तो स्वीकृत योजनाओं को लेकर पहले तो अभियंता ने रुचि नहीं दिखाई. तो इनमें कई योजनाओं का कार्य अन्य विकास कोष से पूरा हो गयी. जिस कारण तकनीकी पेंच में मामला उलझ गयी.
इधर पंचायती राज के समीक्षा के बाद मामला सामने आने पर वैसे योजनाओं को लेकर सख्ती बरती गयी. तो संबंधित अभियंताओं ने एडवांस राशि सरेंडर किया.
जमीन के पेंच में अधूरी रह गयी 42 लाख की योजना
वेडिंग जोन निर्माण की योजना करीब 42 लाख रुपये की है. विभागीय स्वीकृति के बाद वेडिंग जोन निर्माण को लेकर निविदा संबंधि कार्य भी पूरा हो चुका था. लेकिन नींव के बाद इस योजना को जिला प्रशासन की नजर लग गयी. कैसरे हिन्द परती जमीन को लेकर पहले तो जिला प्रशासन ने रोक लगा दी. फिर खाता 203 एवं खेसरा 252 की करीब तीन एकड़ जमीन विभागीय प्रक्रिया के बाद जिला प्रशासन से नगर परिषद को हस्तानांतरित करायी गयी. जमीन के विभागीय पेंच का लाभ उठा कर कुछ लोगों ने अपनी राजनीति भी शुरू कर दी. और देखते ही देखते प्रस्तावित भूमि पर अवैध कब्जा जमा लिया. इसे खाली कराने के लिए प्रशासन को एकबार फिर मशक्कत करनी पड़ सकती है.
सौंदयीकरण योजना का काम अब तक पूरा नहीं
शहर की हृदय स्थली मोतीझील के सौंदयीकरण की योजना भी अधूरी है. करीब एक करोड़ 52 लाख की इस योजना के अभी आधा कार्य भी पूरा नहीं हुआ है. जबकि निविदा शर्त्त की समय-सीमा नवंबर में समाप्त हो चुकी है. प्राक्कलन के मुताबिक इस योजना के तहत झील पथ में 98 लाख की लागत से मिट्टी भराई कर पथ को चौड़ा करना है. वही पक्का कार्य में पथ में पेवर टाइल्स लगाने के साथ पौधा एवं झरना लगाने की योजना है. साथ में जगह-जगह बैठने के लिए पक्का बेंच लगना है.

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